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लौटेगी ज़िंदगी

अक्षय भंडारी
राजगढ़ जिला धार(म.प्र.)
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इसी कोरोना वायरस ने
दुनिया के पहिये को थाम दिया
आप भी थम से गए
में भी थम गया
ओर मानो ज़िंदगी का
पहिया जैसे थम सा गया।

दिन-रात भी यू कट रही ज़िंदगी
पलभर में क्या से क्या बदल गया
दुनिया अपनो के जाने से
गम के अश्रुओं में बहने लगी

सावधानी हटी, नज़र लगी
ओर खुशियों को
गम में बदल दिया
दुनिया के अच्छा वक्त
भले ही आज थम गए हो
लेकिन उम्मीद है कि
ये वक्त भी बदलेगा एक दिन।

आज चेहरे की नकली हंसी
जैसे चेहरे का नूर ही गुम हो गया
सब्र रखो हर चेहरे पे मुस्कान आएगी
फिर लौटेगी ज़िंदगी पटरी पे एक दिन।

परिचय :- अक्षय भंडारी
निवासी : राजगढ़ जिला धार
शिक्षा : बीजेएमसी
सम्प्रति : पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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