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वैक्सीन

गोविंद पाल
भिलाई, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
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वैक्सीन लगाना
किसी इंसान की
शारीरिक मृत्यु पर
मुझे उतना दुःख नहीं होता
जितना इंसानियत की मृत्यु पर
किसी देह की मृत्यु कुछ पल
कुछ घंटे, कुछ दिन
या कुछ सालों का मृत्यु है
पर इंसानियत की मृत्यु
एक युग, एक सभ्यता या
हजारों वर्षों की मृत्यु है,

किसी इंसान के मृत्यु
शाश्वत व सत्य है
पर इंसानियत की मृत्यु
सत्य की मृत्यु है,
मां की कोख में
कन्या भ्रूण का कत्ल करना
हजारों वर्षों का
मानवीय सभ्यता का कत्ल है,
बूढ़े मां बाप को वृद्धाश्रम भेजना
हजारों लाखों वर्षों के
रिश्तों की बुनियादों का
ध्वस्त हो जाना,
अमृता प्रीतम, निर्मल वर्मा, नेमीचंद
कमलेश्वर, सुनिल गंगोपाध्याय आदि
साहित्यकार व वुद्धिजीवियों की मृत्यु की खबरों से
फिल्मि नायक-नायिकाओं के जन्मदिन की खबर
महत्वपूर्ण हो जाना
हजारों वर्षों के वौद्धिक विचारों को
दरकिनार कर पंगु बना देना,
हवश मिटाने
नारी जाति का बलात्कार करना
एक ही झटके में
लाखों वर्षों की सभ्यताओं का गला घोंटना,
इसी तरह इंसानियत और स्वास्थ्य विचारों के मृत्यु
संपूर्ण मानव प्रजाति की मृत्यु है
आज जरूरत है
लोगों में कोरोना के वैक्सीन से ज्यादा
स्वास्थ्य व वौद्धिक विचारों का वैक्सीन लगाना।

परिचय :गोविंद पाल
शिक्षा : स्नातक एवं शांति निकेतन विश्व भारती से डिप्लोमा इन रिसाइटेशन।
लेखन : १९७९ से
जन्म तिथि : २८ अक्तूबर १९६३
पिता : स्व. नगेन्द्र नाथ पाल,
माता : स्व. चिनू बाला पाल
पत्नी : श्रीमति दीपा पाल
पुत्र : प्लावनजीत पाल
निवासी : भिलाई नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
प्रकाशन :
परमात्मा के खिलाफ (कविता संग्रह – २००२) शब्द भारती प्रकाशन इलाहाबाद उ. प्र.
मुन्ना बोला (बाल कविता संग्रह – २००३) वैभव प्रकाशन रायपुर, छत्तीसगढ़
हांटूर नीचेर मानूष (बांगला कविता संग्रह – २००४) मिहिर प्रकाशन दुर्ग, छत्तीसगढ़
चिंटू का वादा बाल कहानी संग्रह – २००५) लोकहित प्रकाशन – दिल्ली
टकला बाबा (बाल नाटक संग्रह – २००५) लोकवाणी प्रकाशन – दिल्ली
बोनसाई (कविता संग्रह – २००९) देश भारती प्रकाशन – दिल्ली
इसके अलावा तीन पुस्तकें शीघ्र प्रकाशनाधीन
प्रसारण : आकाश वाणी तथा दर्जनों टी व्ही चैनलों से बाल कविता, बाल नाटक एवं हास्य व्यंग्य व अन्य कविताओं का प्रसारण
पुरस्कार व सम्मान :
१. अ. भा. अंबिका प्रसाद दिव्य रजत अलंकरण से अलंकृत – २००६
(बाल कहानी संग्रह चिंटू का वादा के लिए)
२. शब्द रत्न मानद उपाधि से सम्मानित किया गया- २०१२
अखिल भारतीय काव्य संग्रह प्रतियोगिता में पुरे हिंदुस्तान से आये हुए २०० काव्य संग्रह में से सबसे उत्कृष्ट कविता संग्रह के रूप में बोनसाई को प्रथम पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया एवं “शब्द रत्न” मानद उपाधि से नवाजा गया।
३. २००८ – रामसेवक सक्सेना स्मृति बाल साहित्य सम्मान बाल साहित्य शोध केन्द्र भोपाल में डा. राष्ट्र बंधु के कर कमलो द्वारा
४. २००९ – बाल वाटिका सृजन सम्मान, भीलवाड़ा राजस्थान
५. २०१० – बाल साहित्य शिखर सम्मान खटिमा उधमसिंह नगर, उत्तराखंड द्वारा,
६. तीन अप्रैल से बारह अप्रैल २०१८ तक बांग्लादेश की साहित्यिक यात्रा में बांग्लादेश के कई शहरों में बांग्लादेश के सचिवालय में कविता पाठ एवं की पुरस्कार विजेता सम्मान प्राप्त।
७. हाल ही में म.प्र. साहित्य अकादमी के सुप्रसिद्ध कवि, लेखक व समीक्षक एवं म.प्र. साहित्य अकादमी के संयोजक श्री घनश्याम मैथिल “अमृत” द्वारा लिखित समीक्षात्मक पुस्तक रचना के साथ साथ में हिंदुस्तान के सबसे उत्कृष्ट २८ पुस्तकों की समीक्षा में गोविंद पाल की काव्य संग्रह “बोनसाई” को भी शामिल किया गया है।


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