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सितारों से आगे …

होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ हरियाणा
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मचा हुआ जहां अति शोर भी है,
रात कभी बीतती होती भोर भी है,
पतंग जब उड़ती साथ डोर भी है,
सितारों से आगे जहां और भी हैं।

हिम्मत जिसमें होती आसमां तोड़े,
निठल्ले उड़ाते रहते हैं कागजी घोड़े,
इंसान वो जो काम से थकता थोड़े,
देव वो है जो कष्ट में मुख ना मोड़े।

झुक जाता है आसमान जो झुकाता,
छुपता नहीं झूठ बेशक लाख छुपता,
महान है जो हँसकर समय बीताता,
राक्षसी लोगों से संत इज्जत बचाता।

कभी अपनों पर भरोसा अधिक नहीं,
चलते चलते मिल जाये प्रभु भी कहीं,
दर्द होता है दिल से आंसू भी हैं बही,
शुभ कर्म करते रहो मिलता दूध दही।

हिम्मत जिसमें हो तो किनारा मिलता,
पतझड़ जब गुजर जाये फूल खिलता,
बिछुड़ा हो अगर एक दिन है मिलता,
पवन के झोंके जब चले पर्वत हिलता।

सांझ बीत जाये तब सवेरा भी आएगा,
बल दिल में हो तो सुबह भी आयेगा,
करने की तमन्ना हो तो, जरूर पाएगा,
भागीरथ भी फिर गंगा धरा पे लाएगा।

आजादी के परवाने सदा आगे बढ़ते,
हिम्मत हथियार से लोग पर्वत चढ़ते,
थाप घट पर मार घड़ों को भी घड़ते,
लडऩे वाले हिम्मत से हारकर लड़ते।

तूफान अगर आये कभी न घबराये,
कभी दुष्ट से दौड़कर पीठ न छुपाये,
चरित्र काम का है सदा इसे बचाये,
कोई धरा पर गिरे उठा सीने लगाये।

मात पिता का नाम सदा रोशन करता,
वो वीर बहादुर है देश पर लड़ मरता,
वो कायर इंसां जो लडऩे से भी डरता,
वो देव तुल्य जन है जो पर कष्ट हरता।

कभी बड़ों की बात ना गिरने ही पाये,
वो राक्षस है जो गरीब जन को रुलाए,
धरती मां,मां,गाय आदि को तो बचाये,
जो खुद रो रहा हो , दूसरे को हँसाये।

सितारों से आगे जहान और भी हैं,
धरती जैसा मचा वहां शोर भी है,
रात्रि का अंधेरा हो तो संग भोर भी है,
देवता बहुत पर पापी जग घोर भी है।।

परिचय :- होशियार सिंह यादव
जन्म : कनीना, जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा
पिता : स्व. श्री जयनारायण (कवि) एवं गोपालक देहांत १९८९
मां : स्व. मिश्री देवी गृहणि देहांत २०१६
निवासी : महेंद्रगढ़ हरियाणा
शिक्षा : पीएच. डी. (जारी) एम. एससी (बायो एवं आईटी), एम.ए. (हिंदी, अंग्रेजी एवं राजनीति शास्त्र), एमसीए, एम. एड., पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर, पी जी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एवं मास कम्यूनिकेशन, पी जी डिप्लोमा इन गांधियन स्टडिज, गोल्ड मेडलिस्ट पंजाब वि.वि.।
रचनाएं : अब तक विभिन्न विषयों पर २४ पुस्तकें प्रकाशित। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित, विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में कहानी, लेख, मुक्तक, क्षणिकाएं, प्रेरक प्रसंग, कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं।
हरियाणा साहित्य अकादमी से अनुमोदित पुस्तकों में : आवाज, बाल कहानियां, उपयोगी पेड़ पौधे, शिक्षा एक गहना
व्यवसाय : लेखक, पत्रकार एवं शिक्षण कार्य में श्रेष्ठता।
सम्मान : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा कहानी लेखन में प्रथम पुरस्कार सहित पांच दर्जन सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित। महेंद्रगढ़ न्यायाधीश द्वारा रजत पदक से सम्मानित। अरुंधती वशिष्ठ अनुंसधान पीठ द्वारा देशभर से आयोजित निबंध लेखन में एक्सीलेंस अवार्ड। हरियाणा के राज्यपाल से पुरस्कृत। तीन शोध भी प्रकाशित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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