Sunday, September 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

जीवन के रंग

रुचिता नीमा
इंदौर म.प्र.
********************

जिंदगी तो हर पल ही रंगीन है,
एक रंग में रंगना, इसकी तौहीन है।।
तरह तरह के रंग है इसमें
हर रंग के अनुभव है इसमें

हर उम्र की एक नई है भाषा,
हर उम्र में एक नूतन अभिलाषा,
हर भाव का अपना विशेष रंग
चलो हम भी भीगे उसके संग,

बचपन, जवानी और बुढ़ापा,
जैसे लाल, गुलाबी और जामुनिया।।
हर रंग अपना असर दिखलाता
वक़्त के साथ बदलता जाता।।

तरह तरह के अनुभवों ने
जीवन मे अनेक रंग है बिखराये।।
कभी गुलाबी खुशीयों की बहार आई,
कभी गहरे आँसुओं के सैलाब आये।।

कभी सुनहरा पल आया जब
क़ामयाबी ने कदम चूमे,
तो कभी अंधियारे राहों पर
चलते सीधे कदम भी डगमगाए।।

कभी हर तरफ लाली छाई,
जब खुशियों के क्षण है आये
तो कभी श्वेत रंग में डूब गए,
जब अपने हम से रूठ गए।।

हर सुबह नारंगी धूप
एक नई शुरुआत है लाई।।
हर शाम की नीलिमा
एक नया परिणाम है लाई।

हर एक पल बस बीत गया ऐसे,
चित्र पटल पर चलचित्र हो ऐसे,
तरह तरह के रंगों से रंगीन हुआ जीवन
जिसमें अलग-अलग रंगों के मुकाम आये

आज जिंदगी के आखिरी मुक़ाम पर,
एक बार फिर वो सब रंग याद आये।।
अंत में सब रंग है धुँधलाये
न कुछ साथ लाये थे, न ले जा रहे,
हम तो बस इस धरा पर
बनकर मेहमान आये।।
बिखेरकर अनेक रंग धरा पर
हम करने अपना काम आए।।

परिचय :-  रुचिता नीमा जन्म २ जुलाई १९८२ आप एक कुशल ग्रहणी हैं, कविता लेखन व सोशल वर्क में आपकी गहरी रूचि है आपने जूलॉजी में एम.एस.सी., मइक्रोबॉयोलॉजी में बी.एस.सी. व इग्नू से बी.एड. किया है आप इंदौर निवासी हैं।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…..🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *