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नई उर्जा नया संबल

अख्तर अली शाह “अनन्त”
नीमच (मध्य प्रदेश)
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नई उर्जा नया संबल,
तेरी मुस्कान देती है।
खुशी के यूँ मुझे दो पल,
तेरी मुस्कान देती है।।

तुझे बस देखने से दिल,
मेरा तस्कीन पाता है।
समंदर में नई हलचल,
तेरी मुस्कान देती है।।

उदासी दूर करती है,
नए अरमां जगाती है।
रवानी खून में अविरल,
तेरी मुस्कान देती है।।

तेरे रुखसार पे लाली,
बनी जब धूप छाती है।
मुझे गर्मी ए दिल निश्चल,
तेरी मुस्कान देती है।।

तेरे मादक नयन जिस दम,
मये उल्फत पिलाते हैं।
दवा तब होश की चंचल,
तेरी मुस्कान देती है।।

अकेला हार कर जब मैं,
सभी हथियार रखदेता।
अचानक ढेर सारा बल,
तेरी मुस्कान देती है।।

मुझे संजीवनी दे दे,
जरा पर्दा उठा जालिम।
“अनंत” कोये जीवन जल,
तेरी मुस्कान देती है।।

परिचय :- अख्तर अली शाह “अनन्त”
पिता : कासमशाह
जन्म : ११/०७/१९४७ (ग्यारह जुलाई सन् उन्नीस सौ सैंतालीस)
सम्प्रति : अधिवक्ता
पता : नीमच जिला- नीमच (मध्य प्रदेश)


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