Friday, November 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

उठो नारी तुम्हें अब उठाना होगा

सपना
दिल्ली
*************

उठो नारी
तुम्हें अब उठाना
होगा नारी
क्यों तू हारी
तोड़ चुप्पी अपनी आवाज़ उठानी होगी
बहुत सह लिया तुमने अब नहीं सहेगी
बहुत जिया अपनों के लिए
तुम्हें अब अपने लिए भी
जीना होगा….
देखा जाएगा जो भी होगा
यह ख़ुद को सिखा री
ख़ुद को न समझ
तू कमज़ोर
बिना तेरे सृष्टि का अस्तित्व
मिट्टी में मिल जाएगा
ज़ोर से कह, मचा शोर
दुर्गा भी तू
चंडी भी तू
ममता की मूरत भी तुझसे री …
इस धोखे में न रहना तू
तेरी लाज़ बचाने को
कृष्ण बन कोई आएगा
तुझे बचाएगा
बन काली  अपनी लाज़
ख़ुद ही बचानी होगी
विश्वास कर तू सब कुछ करने जोगी
और न बन बावरी….

रुकना नहीं, झुकना नहीं
तोड़ विवशताओं के बंधन सारे
बस आगे ही बढ़ते जाना है
अपनी मंज़िल को पाना है
कर  ख़ुद पर  यकीन
अपने सपनों को कर नवीन
अपना सम्मान तुम्हें पाना होगा
अपना गीत गाना होगा
दूसरों के लिए ही तो
जीती रही हो अब तक
ख़ुद के लिए अब जीना होगा

देखा जाएगा जो भी होगा
क्यों तू हारी
सृष्टि की सुंदरता री
मत झुक
मत रूक
उठो नारी
तुम्हें अब उठाना होगा।

परिचय :- सपना
पिता- बान गंगा नेगी
माता- लता कुमारी
शैक्षणिक योग्यता- एम.ए.(हिंदी), सेट, नेट, जेआर. एफ. अनुवाद में डिप्लोमा ( अंग्रेज़ी से हिंदी), पी.एचडी. (ज़ारी)
साहित्यिक उपलब्धियां- १५ से अधिक राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में सहभागिता तथा प्रपत्र वाचन एवं विभिन्न पत्रिकाओं/ संपादित पुस्तकों में विभिन्न विषयों पर शोधालेख प्रकाशित। साथ ही साहित्य सिनेमा सेतु वेबसाइट पर कुछ कविताओं का प्रकाशन।
निवासी- दिल्ली
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *