Saturday, September 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

ऋतुराज बसंत

विरेन्द्र कुमार यादव
गौरा बस्ती (उत्तर-प्रदेश)
********************

जब हुआ जग के सृष्टि का प्रारम्भ,
जग के सृष्टिकर्ता है भगवान बह्म।
खास रुप से मनुष्य की किये रचना,
परंतु स्वयं को ही न जची ये संरचना।
तब ब्रह्मा ने किया बिष्णु का आवाहन,
जो प्रयोग करते गरुणपंक्षी का वाहन।
विष्णु लिये शक्ति की देवी को बुलाये,
शक्तिदेवी,विष्णु दिये नयी देवी बनाये।
ये नयी देवी जीवो में वाणी दी जगाय,
नव देवी माता सरस्वती देवी कहलाय।
ये देवी धारण की अपने कर में वीणा,
वो पलभर में हरती जगत की पीड़ा।
वीणा बजाकर वीणावादीनी कहलाई,
शारदे ने सबको ज्ञान का पाठ पढ़ाई।
आज माँ सरस्वती की जाती है पूजा,
शारदे के अतिरिक्त नाम न आये दूजा।
हिन्दू मनाये बसंंत पंचमी का त्यौहार,
बना के रखे अपना आपसी व्यवहार।
प्रकृति बहुरंगी रुप धर सबको लुभाये,
आम पेड़ की डाल पर बौर लग जाये।
सरसों के पीले रंग देख मनमुग्ध हो भाई,
लगे नयी दुल्हन पीली ओढ़नी ओढ़ है आई।
ऋतु राज बसंत स्वागतनार्थ
बड़ा जश्न मनाया जाये,
जिसमें विष्णु और कामदेव की
पूजन कार्य कराये।
ऋतुराज बसंत के स्वागतनार्थ
जश्न बसंत पंचमी कहलाये,
इस दिन गाँव-गाँव व शहर-शहर
रेड का पेड़ गांड़ा जाये।
बसंत पंचमी के ४० वे दिन
ये होलिका दहन किया जाये,
४१ वे व ४२ वे दिन होली का
शुभ त्यौहार मनाया जाये।
यह ज्ञान व कला की देवी माँ
सरस्वती का जन्मदिवस कहलाये,
समस्त कवि व साहित्यकार
यह जन्म दिन सहर्ष खुशी से मनाये।
जो शिक्षाविद भारत और
भारतीयता से प्रेम है करते,
वे इस दिन माँ शारदे की पूजाकर
उनसे और अधिक ज्ञानवान होने की प्रार्थना है करते।

परिचय :- विरेन्द्र कुमार यादव
निवासी : गौरा बस्ती (उत्तर-प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *