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मुश्किल राहें

होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ हरियाणा
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मुश्किल राहे लग रही, आज बनी हालात,
कहीं किसान आंदोलन, चलती दर्द बारात,
नहीं पता किस मोड़ पर, ले जाएंगी ये राहें,
बैर भाव सब त्याग दो, देश फैला रहा बांहें।

मुश्किल राहें लग रही, युवा खड़ा है दोराहे,
उल्टी सीधी बातें करे, होकर खड़ा चौराहे,
युवा वर्ग के चेहरे पर, चिंता की लकीरें है,
चलना चाहिए तेज गति, चलता धीरे-धीरे है।

मुश्किल राहें आज हैं, रोजगार है बदहाल,
चपड़ासी की नौकरी, लाखों बजा रहे ताल,
बेरोजगारी, भुखमरी, दे रही जमकर दुहाई,
आज गर बदहाल है, भविष्य का क्या हाल।

मुश्किल राहें लग रही, भविष्य की इंसान,
छोटी उम्र में जा रही, देखो जान पर जान,
फास्ट फूड और मांसाहार, बना खास खाना,
दूध, दही, घी,मक्खन, किसी ने न पहचाना।

मुश्किल राहें लग रही, निर्धन जन संसार,
नंगे भूखे मर रहे, उनको दो रोटी से प्यार,
गरीब गरीब बन रहा, नहीं दे रहा है साथ,
भोजन देने के नाम पर, खींच लते हैं हाथ।

मुश्किल राहें लग रही, भाई भाई हालात,
मार पीट पर उतर रहे, सुबह शाम व रात,
आज दोराहे पर खड़े, कितने ही परिवार,
नहीं एकता अब रही, ना रहा है वो प्यार।

मुश्किल राहें कह रही, समाज की कहानी,
एकता और भाईचारा, खत्म नहीं मनमानी,
यूं ही समाज आगे बढ़ा, होगा बुरा ये हाल,
कितने को ही लील ले, बहुत बुरा हो काल।

मुश्किल राहें बन जाती, सोच हो विपरीत,
अपनों को जन भूलता, करे नहीं कभी प्रीत,
बैर भाव गर जन में बढ़ता, नहीं होगी जीत,
राहों को आसान कर, कहते सभी मनमीत।

मुश्किल राहें यूं कहे, बढ़ा ले जगत में प्रीत,
वरना जगत से जाएगा, गाएगा नहीं वो गीत,
प्रेमभाव से जो रहता, प्रेम ही होता है मीत,
फिर देखों इंसान की, जग में होती है जीत।।

परिचय :- होशियार सिंह यादव
जन्म : कनीना, जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा
पिता : स्व. श्री जयनारायण (कवि) एवं गोपालक देहांत १९८९
मां : स्व. मिश्री देवी गृहणि देहांत २०१६
निवासी : महेंद्रगढ़ हरियाणा
शिक्षा : पीएच. डी. (जारी) एम. एससी (बायो एवं आईटी), एम.ए. (हिंदी, अंग्रेजी एवं राजनीति शास्त्र), एमसीए, एम. एड., पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर, पी जी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एवं मास कम्यूनिकेशन, पी जी डिप्लोमा इन गांधियन स्टडिज, गोल्ड मेडलिस्ट पंजाब वि.वि.।
रचनाएं : अब तक विभिन्न विषयों पर २४ पुस्तकें प्रकाशित। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित, विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में कहानी, लेख, मुक्तक, क्षणिकाएं, प्रेरक प्रसंग, कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं।
हरियाणा साहित्य अकादमी से अनुमोदित पुस्तकों में : आवाज, बाल कहानियां, उपयोगी पेड़ पौधे, शिक्षा एक गहना
व्यवसाय : लेखक, पत्रकार एवं शिक्षण कार्य में श्रेष्ठता।
सम्मान : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा कहानी लेखन में प्रथम पुरस्कार सहित पांच दर्जन सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित। महेंद्रगढ़ न्यायाधीश द्वारा रजत पदक से सम्मानित। अरुंधती वशिष्ठ अनुंसधान पीठ द्वारा देशभर से आयोजित निबंध लेखन में एक्सीलेंस अवार्ड। हरियाणा के राज्यपाल से पुरस्कृत। तीन शोध भी प्रकाशित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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