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माँ की दुआएं

मईनुदीन कोहरी
बीकानेर (राजस्थान)

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घर से सफर करने निकलना हो।
माँ को जहन में रख निकला करो।

विघ्न कभी ना आएंगे जिंदगी में।
माँ की दुआएं ले विदा हुआ करो।।

किस्मत से अगर माँ हम को है नसीब।
सोते उठते माँ की जियारत किया करो।।

माँ को धन-दौलत की नहीं है तलब।
माँ खुश है, माँ को माँ कह पुकारा करो।

जन्नत खुद-बा-खुद माँ के कदमों में है।
ये मौका “नाचीज” कभी छोड़ा ना करो।।

परिचय : मईनुदीन कोहरी
उपनाम : नाचीज बीकानेरी
निवासी – बीकानेर राजस्थान
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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