कुमारी सोनी गुप्ता
जोगेश्वरी ईस्ट, मुंबई (महाराष्ट्र)
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पूर्वा की कल ही शादी हुई थी, और आज ससुराल में पहला दिन था। आँखों में ढेर सारे सपने, हृदय में बहुत सी नए जीवन की आशाए संजोये थी लेकिन मन में एक डर भी छुपा था कहीं। हर सुबह माँ-माँ पुकार के होती थी पूर्वा की, आज वो माँ को बहोत याद कर रही थी। सास के बारे में सुना था बहुत ही अनुशासन प्रिय थी और न जाने बाकि घर वालो का स्वभाव कैसा हो। तो थोडा डर लग रहा था। सुबह तैयार हो कर जब बैठक में गयी तो शादी में आई सब बुजुर्ग महिलाओ ने सास से पूर्वा की माँ के घर से आई चीजे देखने की इच्छा जताई। सास ने पूर्वा को बुलाके सारा सामान सबको दिखाया देखके अन्दर-अन्दर खुसुर-फुसुर शुरू हो गई, फिर उनमें से एक बुजुर्ग महिला जो की ससुर की बुआ थी वो मुंह बनाके बोलने लगी ये क्या दिया हे लड़की को ना कार, न बाइक, न फ्रीज, नाही पलंग… बस थोड़े से कपड़े और नाम भर सोना? एक ही बेटी है और इतनी कंजूसी भला इसको देना बोलते है क्या खाली हाथ भेज दिया लड़की को… सब उनकी हा में हा मिलाने लगे सास भी चुपचाप सुनती रही लेकिन अब पूर्वा से चुप नहीं रहा गया माफ़ करना बुआजी मेरे पिताजी ने क्या दिया है … तो सुन लीजिए सब से पहले तो मुझे उनके दिल के टुकड़े को दिल पर पत्थर रखकर आप के घर में सोंपा वो भी अच्छी शिक्षा, अच्छी परवरिश, उम्दा संस्कार, बड़ो का आदर, अच्छे-बुरे की समझ, फर्ज के प्रति प्रतिबद्धता, तो अधिकारियों की जानकारी, और इन सबके ऊपर अपनी सच्ची बात कहने की हिम्मत, मेरे ख्याल से तो इससे बड़ी पूंजी कोई हो ही नहीं सकती इनके सामने बाँकी चीजों का कोई मोल नहीं है, कमरे में सन्नाटा सा छा गया सब चुपचाप देखते ही रह गए। सास ने एक नजर देखा पूर्वा की और रसोई में चली गई। पूर्वा भी पीछे-पीछे गई, “माफ़ करना मम्मी जी मेरे पापा के खिलाफ बुराई मै सुन नहीं सकी तो मुंह से निकल गया माफ़ी चाहती हूँ मेरा किसी का अपमान करने का इरादा नहीं था”। सास ने एक नजर उसको देखा फिर धीरे से चल के पास आई उसका हाथ पकड़कर बोली … बेटा तूने बिलकुल ठीक किया, जो आज तक मै नहीं कर सकी वो तूने कर दिखाया शाबाश मैने हमेशा एक बेटी की चाह रखी थी जो बिलकुल तेरे जैसी हो आज भगवान ने मेरी सुन ली मुझे बेटी दे दी पूर्वी का माथा चूम के उसे सिने से लगा लिया। पूर्वा की आंखे भी छलक आई उसे ससुराल में भी माँ मिल गई।
परिचय – कुमारी सोनी गुप्ता
निवासी : जोगेश्वरी ईस्ट मुंबई (महाराष्ट्र)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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