Friday, November 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

दावत पर बुलाया है

होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ हरियाणा
********************

कभी दावत पर बुलाते थे,
घर स्नेह निमंत्रण आते थे,
प्रीतिभोज, मीठी वाणी से,
प्रेम संग खाना खिलाते थे।

दावत नहीं वो प्यार होता,
खुशियों में दामन भिगोता,
भाई भाई को पास बुलाता,
आया नहीं जीवनभर रोता।

दावत पर कभी बुलाते थे,
बैठाकर खाना खिलाते थे,
आदर और सम्मान देकर,
उन्हें अपने पास बैठाते थे।

बैठके खाना खाते थे जब,
मन संतुष्टि मिल जाती थी,
पानी पीते थे घड़े का ठंडा,
मन में खुशी छा जाती थी।

शास्त्रों में भी बताया जाता,
बैठके खाना खाओ हरदम,
रोग दोष से दूर रहोगे फिर,
तन व मन में आएगा दम।

वक्त ने पलटी खाई ऐसी,
आया है खड़ा अब खाना,
भाग दौड़कर समय मिले,
भागदौड़ कर कैसा खाना?

दावत पर बुलाया है जी,
एक बार दर्शन दे जाना,
खड़े खड़े खाना खाकर,
कपड़ों पर दाग लगवाना।

एक हाथ में थाली पकड़े,
एक हाथ से खाते खाना,
बार बार कोई न्यौता न दे,
आना बेशक मत ना आना।

भाई का भाई दुश्मन बना,
बेशक दावत पर न आता,
सगे भाई को दर्द नहीं हो,
कलियुग में ये चल जाता।

दावत से आओ जब तुम,
हो जायेगा वो पेट खराब,
फास्ट फूड मसाले खाये,
फिर पीते रहना जुलाब।

सादा खाना, मिला करता,
अब दावत में मिले शराब,
अगर दारू नहंी मिले तो,
कहते देखे दावत खराब।

पर दुर्भाग्य की बात देखो,
नाम कमाता है खड़ा खाना,
ऐसा समय भी दूर नहीं है,
भाग भागकर भोजन खाना।

आगे आने वाले समय में,
उड़कर खाना खाएंगे जन,
दावत में बुलाया है कहेंगे,
मरियल कांचल होगा तन।

आजकल की दावत से तो,
तौबा कर लेना हो अच्छा,
वरना सुबह उठकर देखो,
दस्त से भरा मिले कच्छा।

दावत पर अब बुलाते है,
बस नाम चारा निभाते हैं,
आये कोई या नहीं आये,
फिर कहने नहीं आते है।

परिचय :- होशियार सिंह यादव
जन्म : कनीना, जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा
पिता : स्व. श्री जयनारायण (कवि) एवं गोपालक देहांत १९८९
मां : स्व. मिश्री देवी गृहणि देहांत २०१६
निवासी : महेंद्रगढ़ हरियाणा
शिक्षा : पीएच. डी. (जारी) एम. एससी (बायो एवं आईटी), एम.ए. (हिंदी, अंग्रेजी एवं राजनीति शास्त्र), एमसीए, एम. एड., पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर, पी जी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एवं मास कम्यूनिकेशन, पी जी डिप्लोमा इन गांधियन स्टडिज, गोल्ड मेडलिस्ट पंजाब वि.वि.।
रचनाएं : अब तक विभिन्न विषयों पर २४ पुस्तकें प्रकाशित। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित, विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में कहानी, लेख, मुक्तक, क्षणिकाएं, प्रेरक प्रसंग, कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं।
हरियाणा साहित्य अकादमी से अनुमोदित पुस्तकों में : आवाज, बाल कहानियां, उपयोगी पेड़ पौधे, शिक्षा एक गहना
व्यवसाय : लेखक, पत्रकार एवं शिक्षण कार्य में श्रेष्ठता।
सम्मान : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा कहानी लेखन में प्रथम पुरस्कार सहित पांच दर्जन सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित। महेंद्रगढ़ न्यायाधीश द्वारा रजत पदक से सम्मानित। अरुंधती वशिष्ठ अनुंसधान पीठ द्वारा देशभर से आयोजित निबंध लेखन में एक्सीलेंस अवार्ड। हरियाणा के राज्यपाल से पुरस्कृत। तीन शोध भी प्रकाशित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीयहिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें ….🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻  hindi rakshak manch 👈🏻 … राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे सदस्य बनाएं लिखकर हमें भेजें…🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *