रजनी गुप्ता ‘पूनम चंद्रिका’
लखनऊ
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नवल किरण धारण किए, आया है नववर्ष।
सदा सहायक हों प्रभो, बना रहे उत्कर्ष।।
नवल वर्ष में माँ करो, हम सबका कल्याण।
हरो सकल संताप-दुख, हों हर्षित मन-प्राण।।
आई विपदा अब टले, भागें सारे रोग।
हिल-मिल कर हम सब रहें, बना रहे संयोग।।
संकट भारी आ पड़ा, सकल विश्व है त्रस्त।
कोरोना की मार से, सभी हुए भय- ग्रस्त।।
नवल वर्ष की माँ मिले, यह अनुपम सौगात।
हम सब मिल कर दे सकें, कोरोना को मात।।
करो दया हे मातु अब, सब जन हों खुशहाल।
हाथ पसारे हैं खड़े, माता तेरे लाल।।
परिचय : रजनी गुप्ता ‘पूनम चंद्रिका’
उपनाम :- ‘चंद्रिका’
पिता :- श्री रामचंद्र गुप्ता
माता – श्रीमती रामदुलारी गुप्ता
पति :- श्री संजय गुप्ता
जन्मतिथि व निवास स्थान :- १६ जुलाई १९६७, तहज़ीब व नवाबों का शहर लखनऊ की सरज़मीं
शिक्षा :- एम.ए.- (राजनीति शास्त्र) बीएड
व्यवसाय :- गृहणी
प्रकाशन :- राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर म.प्र. के hindirakshak.com पर रचना प्रकाशन के साथ ही कतिपय पत्रिकाओं में कुछ रचनाओं का प्रकाशन हुआ है
सम्मान :- समूहों द्वारा विजेता घोषित किया जाता रहा है। दो बार नागरिक अभिनंदन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मंचों पर काव्य-पाठ व लघुकथा का पाठन करती रहती हूँ। सांस्कृतिक एवं सामाजिक योगदान हेतु सम्मान-पत्र प्रदान किया गया है। विद्यालय के समय भी अनेक पुरस्कार मिले हैं।
रचना की विधा :- अधिकतर दोहा सृजन, छंदमुक्त कविताएँ, मुक्तक, दोहा, गजल, छंद, हाइकु दोहा, गीत, गीतिका, लघुकथा, संस्मरण आदि….
घोषणा पत्र :- मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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