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मेरी आधुनिकता

डॉ. सुभाष कुमार नौहवार
मोदीपुरम, मेरठ (उत्तर प्रदेश)

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आज मेरे पास मोबाइल फोन है और रंगीन टीवी भी है।
आधुनिक ज़माने को परिभाषित करती एक सुशिक्षित बीवी भी है।
ज़रूरी नहीं है आधुनिकता के लिए बंगले और बड़ी कार का होना,
दुमंज़िला मकान और एक अच्छी-सी नौकरी भी है।
सोफे पर बैठकर बड़ा इतरा के दबाता हूँ रिमोट टी.वी का,
और ए.एक्स.एन चैनल की गौरांगनाएँ घेर लेती हैं मुझे।
उनके सफेद बालों को देखकर पिता जी के सन जैसे सफेद बाल
तैर जाते हैं मेरी आँखों में।
धरी रह जाती है मेरी आधुनिकता।
कुछ लिपटने के अंदाज में पत्नी कहती है:-
जानू, तुम फिर क्यों उदास हो गए?
ले आइए ना पिता जी को यहाँ, रख लेंगे किसी वृद्धाश्रम में!
तुम्हारी चिंता भी जाती रहेगी और मिल भी लिया करना एक-दो महीने में।
मुझसे तुम्हारी ये उदासी देखी नहीं जाती,
कम-से-कम अपना नहीं तो मेरा तो खयाल किया करो!
और मनाने लग जाता हूँ अपनी मूड ऑफ बीवी को।
बीवी की ना-नूकर में पिता की कराहट सुनाई नहीं देती।
गौरांगनाएँ फिर घेर लेती हैं मुझे।
फिर हावी हो जाती है मेरे ऊपर मेरी आधुनिकता।

परिचय :- डॉ. सुभाष कुमार नौहवार
जन्म : ५ फरवरी १९७३
जन्म स्थान : कौलाहर (मथुरा)
निवास : मोदीपुरम (मेरठ) उत्तर प्रदेश।
शिक्षा : एम.ए हिंदी, शिक्षा शास्त्र, इतिहास, बी.एड (पी.एच.डी- निरंतर)
वर्तमान निवास : दोहा क़तर (अरब की खाड़ी)
साहित्यिक परिचय : लेखक- नई स्वाति कक्षा १-८ सरस्वती हाउस पब्लिकेशन, (एस. चाँद पब्लिकेशन) नई दिल्ली। कवि, विचारक, साहित्यकार (ब्लोग राइटर)
कार्य स्थल : वर्ष २००८ से खाड़ी के देशों में हिंदी शिक्षण कार्य में संलग्न। वर्तमान में दोहा मॉडर्न इंडियन स्कूल में बतौर विभागाध्यक्ष हिंदी के रूप में कार्यरत।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है


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