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कुछ पूछना है तुझसे

होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ हरियाणा

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कुछ पूछना है तुझसे मां,
कितने ही कष्ट उठाये हैं,
मुझको जो जन्म दिया है,
वो दर्द दिल में छुपाये हैं।

कुछ पूछना है तुझसे मां,
कैसे मुझको दिया सहारा,
खुशी भुला डाली अपनी,
बस तुझको मैं लगा प्यारा।

कुछ पूछना है तुझसे मां,
कैसे वे उपकार उतारूंगा,
हजारों जन्म ले लेकर के,
बस तेरा ऋण उतारूंगा।

कुछ पूछना है तुझसे मां,
एक बार मुझे दर्शन देना,
मुझको तुम यूं छोड़ गई,
मुझे भी अपने साथ लेना।

कुछ पूछना तुझ से तात,
कैसे पालपोष पढ़ाया है,
दिनरात एक कर कमाया,
वो राज तुमने छुपाया है।

कुछ पूछना तुझसे पिता,
कितनी देर तुम सोते थे,
मेरे कष्टों को देख देख,
तुम घुट घुटकर रोते थे।

क्यों छोड़ गये मुझे पिता,
बस तुझसे यही पूछता है,
जैसे बचपन में रूठा था,
एक बार वैसे रूठता हूं।

कुछ पूछना तुझसे भाई,
तुमने भी राह दिखाई है,
कभी अपने संग रखा है,
कभी भूख मेरी मिटाई है।

कुछ पूछना तुझसे बहना,
गोदी में तुमने खिलाया है,
कभी भूत कहकर डराया,
कभी मुझे खूब हँसाया है।

कुछ पूछना है तुझसे प्रभु,
क्या सोच मुझे बनाया है,
क्यों सुंदर रूप दिया मुझे,
दिल में प्यार जगाया है?

कुछ पूछना है तुझसे प्रभु,
कितने सुख-दुख देना हैं,
कैसी मेरी जिंदगी कटेगी,
कब तेरा नाम ये लेना है।

कुछ पूछना है तुझसे प्रभु,
कैसे मैं भला कर पाऊंगा,
कैसे साहित्य सेवा करूंगा,
कैसे धरा से उठ जाऊंगा?

कुछ पूछना है तुझसे देव,
किसने मेरा साथ दिया है,
जब कभी दर्द आन पड़े हैं,
किसने मुंह फेर लिया है?

कुछ पूछना है तुझसे प्रभु,
यूं सुख संपन्न कब करोगे,
बस तेरा नाम सदा जप लूं,
वो भक्ति भाव कब भरोगे?

परिचय :- होशियार सिंह यादव
जन्म : कनीना, जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा
पिता : स्व. श्री जयनारायण (कवि) एवं गोपालक देहांत १९८९
मां : स्व. मिश्री देवी गृहणि देहांत २०१६
निवासी : महेंद्रगढ़ हरियाणा
शिक्षा : पीएच. डी. (जारी) एम. एससी (बायो एवं आईटी), एम.ए. (हिंदी, अंग्रेजी एवं राजनीति शास्त्र), एमसीए, एम. एड., पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर, पी जी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एवं मास कम्यूनिकेशन, पी जी डिप्लोमा इन गांधियन स्टडिज, गोल्ड मेडलिस्ट पंजाब वि.वि.।
रचनाएं : अब तक विभिन्न विषयों पर २४ पुस्तकें प्रकाशित। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित, विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में कहानी, लेख, मुक्तक, क्षणिकाएं, प्रेरक प्रसंग, कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं।
हरियाणा साहित्य अकादमी से अनुमोदित पुस्तकों में : आवाज, बाल कहानियां, उपयोगी पेड़ पौधे, शिक्षा एक गहना
व्यवसाय : लेखक, पत्रकार एवं शिक्षण कार्य में श्रेष्ठता।
सम्मान : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा कहानी लेखन में प्रथम पुरस्कार सहित पांच दर्जन सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित। महेंद्रगढ़ न्यायाधीश द्वारा रजत पदक से सम्मानित। अरुंधती वशिष्ठ अनुंसधान पीठ द्वारा देशभर से आयोजित निबंध लेखन में एक्सीलेंस अवार्ड। हरियाणा के राज्यपाल से पुरस्कृत। तीन शोध भी प्रकाशित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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