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बस इतनी सी है जिंदगानी

प्रियंका पाराशर
भीलवाडा (राजस्थान)

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कभी हँसते गाते मौजों की रवानी
कभी दर्द समेटे दिल और आँखो में पानी
कभी सुकून तो कभी बैचेनी
कभी मन गंभीर तो कभी शैतानी
बस इतनी सी है जिंदगानी
तैयार हर पल एक नया किस्सा
कभी सुख तो कभी दुख का हिस्सा
कठिन डगर पर कठिन संघर्ष
मंजिल पाने पर अथाह हर्ष
जीवन जीने की आपाधापी
कभी ईमानदार तो कभी बनते पापी
निभाने मे तत्पर अलग-अलग किरदार
हैसियत बस इत्ती सी जैसे कोई किरायेदार
कुछ वक्त का है बसेरा
साँस है जब तक तेरा मेरा
चिरनिद्रा लेते ही जग अँधेरा
समय के आगे नहीं चलती कोई भी मनमानी
जो आज है वो बन जाएगा कल एक कहानी
रह जाएगी बस यादों की निशानी
बस इतनी सी है जिंदगानी

परिचय :- प्रियंका पाराशर
शिक्षा : एम.एस.सी (सूचना प्रौद्योगिकी)
पिता : राजेन्द्र पाराशर
पति : पंकज पाराशर
निवासी : भीलवाडा (राजस्थान)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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