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बिटिया का जन्म

श्वेतल नितिन बेथारिया
अमरावती (महाराष्ट्र)

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दिन था चौबीस मार्च जब
मेरी बेटी दुनिया में आयी
डाक्टर, नर्स ने कहा
बधाई हो बधाई लक्ष्मी है आयी !
बिटिया का चेहरा देख मैं
अपनी प्रसव वेदना बिसराई
बिटिया को नर्स ने हल्की
थपकी देकर धीरे से रुलाई!
सुन आवाज दादा-दादी
नाना-नानी की आंखे भर आयी
अपने चाचा, बुआ, मामी-मामा की
नन्ही परी है आयी!
नटखट चुलबुली शैतानी करके
सबके मन को लुभाई
पापा ने देखा लाडो का चेहरा,
चेहरे में मुस्कान थी छाई!
मीठी बातों का खजाना
और प्रश्नों का भंडार है लायी
छुन-छुन करती उसकी पायलिया
सबका मन हर्षाई!
जब भी थोड़ी सी डांटू मैं तो
सहमी और घबराई
मैं कभी भी रोऊं तो मेरे आसूं पोंछने
पलक मेरी है आयी!

परिचय :- श्वेतल नितिन बेथारिया
निवासी- अमरावती (महाराष्ट्र)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।

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