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हे माँ तुझको नमन है

मनमोहन पालीवाल
कांकरोली, (राजस्थान)

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हे माँ तुझको नमन है
स्वीकार करो माँ

हे माँ तुझको नमन है
बारम्बार नमन है

हे माँ तुझको नमन है
स्वीकार करो माँ

ऐसा वर माँ मुझको दो
करता रहूं गुणगान
जीवन पथ पर
अडिग न होऊं

हे माँ तुझको नमन है
स्वीकार करो माँ

प्रेम प्यार मुझमें भर दो
जो आए खाली न जाए
कर्म वचन से
न मैं रहूँ दूर सदा

हे माँ तुझको नमन है
स्वीकार करो माँ

भक्ति में शक्ति है माँ
सदा रहूँ चरणों में तेरे
इतनी शक्ति मुझे दे दो
झूठ कभी न बोलूं मैं माँ

हे माँ तुझको नमन है
स्वीकार करो माँ

अबोध बालक हूँ मैया
करो मेरा कल्याण
दया दृष्टि डालो मुझ पर
दो मैया तुम ऐसा वरदान

हे माँ तुझको नमन है
स्वीकार करो माँ

हो तुम जगत दात्री माँ
मोहन की रख लो लाज
जो आता शरण में तेरे
जगदात्री करो स्वीकार

हे माँ तुझको नमन है
स्वीकार करो माँ

परिचय :- मनमोहन पालीवाल
पिता : नारायण लालजी
जन्म : २७ मई १९६५
निवासी : कांकरोली, तह.- राजसमंद राजस्थान
सम्प्रति : प्राध्यापक
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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