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माँ

सौरभ कुमार ठाकुर
मुजफ्फरपुर, बिहार

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जब-जब गलत हुआ धरती पर
आई माता तुम बारम्बार
फिर से कष्ट एक आन पड़ा है
आ जाओ फिर से ईक बार
माता करो जग का उद्धार।

देखो मानव फिर ग्रसित हुआ है,
बहुत ही हो रहा अत्याचार
देखो तेजी से पाप हो रहा है
एक दिनों में लाखों बार
माता करो जग का उद्धार।

जब मानवता पर दुख बरसा है
कष्ट हरा तूने हर बार
फिर से माते कष्ट हरो और
आशीष तुम देना अपरंपार
माता करो जग का उद्धार।

परिचय :-
नाम- सौरभ कुमार ठाकुर
पिता – राम विनोद ठाकुर
माता –
कामिनी देवी
पता – 
रतनपुरा, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार)
शिक्षा –
१० वीं के छात्र और बाल कवि एवं लेखक
जन्मदिन –
१७ मार्च २००५
देश के लोकप्रिय अखबारों एवं पत्रिकाओं में अभी तक लगभग ५० रचनाएँ प्रकाशित
सम्मान- हिंदी साहित्य मंच द्वारा अनेकों प्रतियोगिताओं में सम्मान पत्र, सास्वत रत्न, साहित्य रत्न, स्टार हिंदी बेस्ट राइटर अवार्ड – २०१९ इत्यादी।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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