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गाँधी चालीसा

डाॅ. दशरथ मसानिया
आगर  मालवा म.प्र.

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सत्य धरम अरु राष्ट्रहित, गाँधी का अवतार।
भौतिक सुख साधन तजे, राखे उच्च विचार।।

जय जय प्यारे बापू गाँधी।
सत्य अहिंसा की तुम आँधी।।१

भारत माता के तुम पूता।
बने जगत के शांति दूता।।२

जन्मे मोहन दो अक्टोबर।
सन अट्ठारह सौ उनहत्तर।।३

पितु करमचन्द पुतली माता।
तुम जन्मे पोरा गुजराता।।४

हरिश्चंद्र जब नाटक देखा।
जाना जीवन सांचा लेखा।।५

भक्त श्रवण की कथा सुहाई।
मात पिता की सेवा भाई।।६

संस्कार बचपन से पाया।
साफ छवि का चरित्र बनाया।७

शाला में जब नाम लिखाया।
सीधा बालक गुरु को भाया।।८

एक निरीक्षक शाला आये।
शिक्षक देख तुरत घबराये।९

केपिटल लिखना नही आया।
नकल त्याग ईमान दिखाया।।१०

कॉलेज की जब शिक्षा पाई।
विधि की सीख विलायत जाई।११

लंदन में जब करी पढ़ाई।
तीन बात मां ने समझाईं।।१२

परनारी से दूरी रखना।
मदिरा मांस कभी न चखना।१३

सादा जीवन उच्च विचारी।
भोजन सीमित शाका हारी।।१४

महवीरा गाँधी अरु बुद्धा।
बिनु आयुध लड़े सब युद्धा।।१५

मद्य निषेध तुम्ही सिखलाया।
संतों जैसा जीवन पाया।।१६

तन पे धोती ऐनक आंखां।
हाथन चरखा मीठी भाषा।।१७

भारत की मुद्रा में आये।
फोटो सब आफिस लगाये।।१८

साबरमती आश्रम बनाया।
स्वाभिमान अभियान चलाया।१९

रामराज्य का सपना देखा।
आय व्यय का करते लेखा।।२०

हिन्दू मुस्लिम सिक्ख इसाई।
आपस में हैं भाई भाई ।।२१

सत्य न्याय प्रतीक दिखलाये।
दलितों को भी गले लगाये ।।२२

शौचालय की करी सफाई।
कस्तूरी बा पाठ पढाई।।२३

वैष्णव जन सा भजन गवाते।
नित उठ गीता पाठ पढ़ाते।।२४

संतों जैसा जीवन पाया।
हिन्दी भाषा को अपनाया।।२५

रघुपति राघव राजारामा।
राम रहीमा एक समाना।।२६

उपवासों को शस्त्र बनाया।
माल विदेशी खूब जलाया।।२७

टालस्टाय थे सखा तुम्हारे।
हिन्द स्वराज के लेखनहारे।।२८

सत्य के साथ प्रयोग भाये।
आतम कथा सकल जग गाये।२९

सपनों का भी भारत देखा।
दक्षिण अफरीका भी लेखा।।३०

सत्याग्रह असहयोग चलाये।
शक्ति देख शत्रु घबराये।।३१

सत्य अहिंसा पथ अपनाया।
काले कानून को हटवाया।।३२

भारत वासिन को ललकारा।
करो मरो का तेजस नारा।।३३

भारत छोड़ो गोरे भागो।
हिन्द देश के बेटे जागो।।३४

सत्याग्रह को तुम अपनाया।
भारत को आजाद कराया।।३५

राजनीति में शुद्धी लाये।
भारतवासी के मन भाये।।३६

चरखा मेहनत साफ सफाई।
दुनिया को तुमने सिखलाई।।३७

अंत समय हे राम उचारा।
राजघाट जाने संसारा ।।३८

गांधी जी का दर्शन प्यारा।
ग्राम विकासा मूल अधारा।।३९

राष्ट्रपिता की पदवी पाई।
कवि मसान ने कविता गाई।।४०

गान्धी जन्म दिवस पे, स्वच्छता अभियान।
मद्यनिषेध भी करें, कहत हैं कवि मसान।।

परिचय :- आगर मालवा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय आगर के व्याख्याता डॉ. दशरथ मसानिया साहित्य के क्षेत्र में अनेक उपलब्धियां दर्ज हैं। २० से अधिक पुस्तके, ५० से अधिक नवाचार है। इन्हीं उपलब्धियों के आधार पर उन्हें मध्यप्रदेश शासन तथा देश के कई राज्यों ने पुरस्कृत भी किया है। डॉं. मसानिया विगत १० वर्षों से हिंदी गायन की विशेष विधा जो दोहा चौपाई पर आधारित है, चालीसा लेखन में लगे हैं। इन चालिसाओं को अध्ययन की सुविधा के लिए शैक्षणिक, धार्मिक महापुरुष, महिला सशक्तिकरण आदि भागों में बांटा जा सकता है। उन्होंने अपने १० वर्ष की यात्रा में शानदार ५० से अधिक चालीसा लिखकर एक रिकॉर्ड बनाया है। इनका प्रथम अंग्रेजी चालीसा दीपावली के दिन सन २०१० में प्रकाशित हुआ तथा ५० वां चालीसा रक्षाबंधन के दिन ३ अगस्त २०२० को सूर्यकांत निराला चालीसा प्रकाशित हुआ।
रक्षाबंधन के मंगल पर्व पर डॉ दशरथ मसानिया के पूरे ५० चालीसा पूर्ण हो चुके हैं इन चालीसाओं का उद्देश्य धर्म, शिक्षा, नवाचार तथा समाज में लोकाचार को पैदा करना है आशा है आप सभी जन संचार के माध्यम से देश की नई पीढ़ी को दिशा प्रदान करेंगे।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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