Saturday, September 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

मोबाइल

मुकेश गाडरी
घाटी राजसमंद (राजस्थान)

********************

उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम से,
कोने- कोने से बातें हो जाती है।

रिश्तों में दुरियाँ बढती चलीं जाती हैं,
अब इसे जीवन कहे या मृत्यु कहे…..

वाह! मोबाइल क्या नाम दिया है…..
दुनिया भर की खबर देख लेते हैं,

मानव सोच को सकारात्मक करते।
अपना उधोग इससे कर सकते हैं,

पर मानव इसका दूरउपयोग क्यों करते…..
अब मोबाइल अपनी हर आवश्यकता पूरी करते…..

ना दिन का पता ना रात का,
बस मोबाइल पर समय गुजर जाता।

पास होने पर अजनबी लगते,
मोबाइल पर बातचित हो जाती हैं……
यह सुंदर दुनिया मोबाइल में खो जाती हैं……..

परिचय :- मुकेश गाडरी
शिक्षा : १२वीं वाणिज्य
निवासी : घाटी (राजसमंद) राजस्थान
घोषणा पत्र : प्रमाणित किया जाता है कि रचना स्वरचित एवं मौलिक है।

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमेंhindirakshak17@gmail.comपर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … 🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻  hindi rakshak manch 👈🏻 … राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे सदस्य बनाएं लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *