Thursday, November 7राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

गुरु वहीं जो जीना सीखा दे

खुमान सिंह भाट
रमतरा, बालोद, (छत्तीसगढ़)

********************

गुमनामी के अंधेरे से
उजाले की पहचान करा दे
तराश दे हिरे की तरह
दुनिया के रास्ते पे चलना सीखा दे
कर देता है कायाकल्प सबका
सच और झूठ से साकार करा दे
मार्ग सच्चा दिखाऐ हमेशा
पराये में भी अपनों का
अहसास करा दे
जलकर स्वंय दीपक की भांति
शिष्य की नई पहचान दिलादे
मुश्किलों से लडने की हौसला बढादे
वह इतना समझदार बना दे
बतलाऐ जीवन का सूत्र
जीत जाना ही सब कुछ नहीं
हारकर जीतने की हुनर सीखा दे
गुरु वहीं जो जीना सीखा दे
आपकी आपसे पहचान करा दे…

परिचय :-  खुमान सिंह भाट
निवासी : रमतरा, बालोद, छत्तीसगढ़


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *