Friday, November 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

सुमिरन

संजय वर्मा “दॄष्टि”
मनावर (धार)

********************

जिंदगी का क्या भरोसा
ये किसी को पता नहीं
मृत्यु अटल सत्य
ये सब को पता।
स्वस्थ मन तन मीठी वाणी
अपनाकर
तनाव को मस्तिष्क से परे कर
दो पल आराध्य को याद करो।
जीवन की दौड़भाग में
ये कार्य भी उतना ही आवश्यक
जितना माता -पिता की सेवा।
क्योंकि
इच्छाए अनंत होती
हर कोई एक दूसरे से
बड़ा बनना चाहता
इस होड़ में उम्र गुजरती जाती
बाकि रोजी रोटी की जुगाड़ में
गुजरती।
जीवन को पटरी पर लाना
बीमारियों और महँगी शिक्षा
से उभरना चाहता
इंसान
मगर ,फिर तनाव
घर बसा लेता मस्तिष्क में।
जीवन चक्र में उलझ कर भूल जाता
इंसान
आराध्य को याद करना
किंतु
विपत्ति में
स्वतः याद आजाते
अपने अपने आराध्य
जिनका सुमिरन
कुछ तो कम करेगा
मस्तिष्क में तनाव।

परिचय :- संजय वर्मा “दॄष्टि”
पिता :- श्री शांतीलालजी वर्मा
जन्म तिथि :- २ मई १९६२ (उज्जैन)

शिक्षा :- आय टी आय
व्यवसाय :- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग)
प्रकाशन :- देश – विदेश की विभिन्न पत्र – पत्रिकाओं में रचनाएँ व समाचार पत्रों में निरंतर पत्र और रचनाओं का प्रकाशन, प्रकाशित काव्य कृति “दरवाजे पर दस्तक”, खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के ६५ रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान – २०१५, अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित
संस्थाओं से सम्बद्धता :- शब्दप्रवाह उज्जैन, यशधारा – धार, मगसम दिल्ली,
काव्य पाठ :- काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ, शगुन काव्य मंच
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमेंhindirakshak17@gmail.comपर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … 🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻  hindi rakshak manch 👈🏻 … राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे सदस्य बनाएं लिखकर हमें भेजें… 🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *