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वो देश के शहीद

बबली राठौर
पृथ्वीपुर टीकमगढ़ (म.प्र.)

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जब एक उम्र थी हमारी जोश था
देश के लिए कुछ तो करने का
सपना ऐसा कि कुछ मैं कर जाऊँ
जैसे वो देश के शहीद कर गए

हम घरों में बैठे होते हैं हर सुख लिए
हो गर्मी, सर्दी, बरसात कि उमंग लिए
मेरी भी दीवानगी देश प्रेम की है ऐसी
जैसे वो देश के शहीद कर गए

हम न कभी डरे ना कभी पीठ दे भागे
हर दाँव का जवाब हम देते गए
मौका मिला करने का तो कोशिश की
जैसे वो देश के शहीद कर गए

हिन्द को आजाद कराने में भूमि को
नेताओं, क्रांतिकारियो की है रही
देश भक्ति महिलाओं में भी हमनें देखी
जैसे वो देश के शहीद कर गए

जवानों के नाम गुमनाम नहीं हैं
हर माँ, बहन, पत्नी, दोस्तों के दिल में हैं
समाज को भी उनकी कुर्बानी याद है
जैसे वो देश के शहीद कर गए

हम तो उस घर की बेटी हैं
जहाँ पिता, भाई, चाचा सेवा करते हैं
पिता ने देश के लिए सुख छोड़े
जैसे वो देश के शहीद कर गए

परिचय :- बबली राठौर
निवासी – पृथ्वीपुर टीकमगढ़ म.प्र.
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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