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बाल विवाह

प्रिया पाण्डेय
हूघली (पश्चिम बंगाल)

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मैंने देखा है कम उम्र की,
शादी-शुदा लड़कियों को,
सपने सारे टूटे,
झूठी मुस्कुराहट की लदी तस्वीरें,
अपनों से खुद को छुपाती हुई….
ससुराल मे हर किसी की ख्वाहिश
पूरी करती सबका पूरा ध्यान रखती,
रिश्तो के डोर मे फंसी,
जिम्मेदारीयों के बोझ तले दबी हुई….
थोपे गये समाज के गलत फैसलों से,
बंधनो के बेड़ियों से बाहर निकलकर,
कुछ पल अपने लिए,
जीना चाहती है….
अपनी ख्वाईशो को किसी का साथ
पाकर पूरा करना चाहती है,
किसी अपने से लिपटकर
जी भर कर रोना चाहती है,
चाहती है वो अपने
दबे सपनो को फिर से पूरा करना,
एक सच्चा दोस्त जो प्रेमी से कम ना हो,
हर तकलीफ और दर्द मे उसका साझेदार हो,
मुश्किलों मे उसका सहारा बने और,
अकेलेपन मे उसकी होंठो की मुस्कान,
फिर….
लांछन का डर,
समाज की बेड़िया,
उसके बढ़ते हुए कदम,
और उसके हर सपने को रोक लेती है….
जैसे पिंजरे मे तड़पती पक्षी की भाती,
उसका मन ख़ामोशीयों से भरा तन मछली की भाती छटपटाता रहता है।

परिचय :- प्रिया पाण्डेय
जन्मतिथि- २२/१०/१९९९
शिक्षा- बी.ए तृतीय वर्ष (राजनीती शास्त्र )
स्थान- ९२, चरकतल्ला, पोस्ट -माखला, जिला- हूघली (पश्चिम बंगाल )
कार्य- शिक्षिका
साहित्य प्रमाण- जज़्बात दिल की आवाज से ३प्रमाण पत्र, साहित्य रत्न की तरफ से प्रमाण पत्र, राष्ट्रीय कवियत्री की तरफ से प्रमाण पत्र, कई मंच पर मेरी कविताएं प्रकाशित है,
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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