Friday, November 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

टीस के टेसू

माधुरी व्यास “नवपमा”
इंदौर (म.प्र.)

********************

आज शाला में रखा जब पहला कदम,
दिल मे उठी एक हूंक, आँखे हो गई नम।

मन मे उठने लगी ये कैसी अजीब तरंग,
जाने कहाँ थी खो गई मन की सब उमंग।

पसरा था भवन में चुभता सा सन्नाटा दुखद,
स्मृति पटल पर थे, विगत के वो दिवस सुखद।

प्यारी बगिया में होती थी गुंजित किलकारियाँ,
हर पल हँसती थी खिलखिलाती फुलवारियाँ।

हाज़िर है आज यहाँ प्रकृति के सब उपमगार,
नही उपस्थित बस यहाँ बच्चों की वो झनकार।

जाने कब गूंजेगी यहाँ ठहाकों की वो मीठी धुन,
लहराते सपनों पर दौड़ लगते बच्चों के वो झुंड।

होने लगी महसूस बगिया के फूलों की चिंता,
चिंतन से करेंगे महफ़ूज फुलवारी की फ़िजा।

ख़ौफ़ का ये मंजर गुजर रहा है गुजर जाएगा,
अमा की कालिमा पर सुबह तो उजाला आएगा।

है हम सबका विश्वास मलय पवन फिर बहेगी,
करती फिर वह हर एक प्राणों में स्पंदन चलेगी।

प्रखरित नवोदित सूरज सा जब ज्ञान हमारा,
मुखरित होगी जैसे मंगल उत्सव की धारा।

 

परिचय :- माधुरी व्यास “नवपमा”
निवासी – इंदौर म.प्र.
सम्प्रति – शिक्षिका (हा.से. स्कूल में कार्यरत)
शैक्षणिक योग्यता – डी.एड ,बी.एड, एम.फील (इतिहास), एम.ए. (हिंदी साहित्य)


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻  hindi rakshak manch 👈🏻 … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे सदस्य बनाएं लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *