Saturday, September 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

गाँव में

मिथिलेश कुमार मिश्र ‘दर्द’
मुज्जफरपुर

********************

झेलता हूँ गाँव को।
खेलता हूँ गाँव को।
खेलना सरल नहीं।
गाँव है तरल नहीं।

उलझनों की बाढ़ है।
संकट बड़ा ही गाढ़ है।
मित्र शत्रु बन रहे।
षड़्यंत्र में मगन रहे।

रहा न गाँव गाँव है।
स्नेहहीन छाँव है।
चलता रहा मैं धूप में।
जलता रहा मैं धूप में।

छाले पड़े हैं पाँव में।
रहना कठिन है गाँव में।
रहना कठिन है गाँव में।

परिचय :- मिथिलेश कुमार मिश्र ‘दर्द’
पिता –
रामनन्दन मिश्र
जन्म –
०२ जनवरी १९६० छतियाना जहानाबाद (बिहार)
निवास –
मुज्जफरपुर
शिक्षा –
एम.एस.सी. (गणित), बी.एड., एल.एल.बी.
उपलब्धियां –
कवि एवं कथा सम्मेलन में भागीदारी पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन
अप्रकाशित रचनाएं –
यज्ञ सैनी (प्रबंध काव्य), भारत की बेटी (गीति नाटिका), आग है उसमें (कविता संग्रह), श्रवण कुमार (उपन्यास), परानपुर (उपन्यास), अथ मोबाइल कथा (व्यंग-रचना)


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *