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सन ६२ का काल नही

राकेश कुमार साह
अण्डाल, (पश्चिम बंगाल)

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भारत-चीन ना कभी हो सकता भाई-भाई,
सरकार हमारी, करे अब इसपर कड़ी करवाई।
सन ६२ का काल नही अब, सरकार हमारी बेकार नही अब।
आँख झुकाना बहुत हुआ, आँख मिला कर बात करो अब।

वक़्त बुरा था, कमजोड़ थें हम, फिर भी हिम्मत ना हारे थें।
अब तो है देश समृद्ध हमारा, मातृभूमि हमे है सबसे प्यारा।
विश्व पटल पर हिन्दूस्तान के वीर गाथाओं की धूम मची है।
देश की रक्षा में, बेटे क्या, बेटियाँ भी सीमा पर खड़ी है।

हम कसम लें खुद से, चीन के सामानो का बहिष्कार करेंगे।
मिल कर पुरे देश में स्वदेशी का प्रचार और प्रसार करेंगे।
भले हमारी संसकृति की पहचान सौहार्द्र और शान्ति है।
परन्तु देश के सम्प्रभुता की माँग, फिर एक स्वदेशी क्रांति है।

परिचय :राकेश कुमार साह
निवासी : अण्डाल, पश्चिम बंगाल
घोषणा पत्र : प्रमाणित किया जाता है कि रचना पूर्णतः मौलिक है।


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