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बाप के बारे में

आकाश प्रजापति
अरवल्ली (गुजरात)

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आज मां बाप के बारे में
कुछ कहना है।
सब कुछ मां बाप ने दिया
तो आज उनसे क्यों दूर रहना है।

चिलचिलाती धूप में पसीना बहाते
देखा है पिताजी को,
दूसरो के घर में गंदे बरतन साफ
करते देखा है मां को,
इन दोनों की छाँह में तू बढ़ा हुआ है,
तो फिर आज तू उनसे क्यों दूर है।।
आज मां बाप के बारे में…….

बचपन में तुझे आंसू न आए
इसका वो कितना ख्याल रखते थे,
तेरे खाने से लेकर तेरे सोने की
हर चीज का वो ध्यान रखते थे,

तू उनकी परवाह करे या ना करे
उन्हें तेरी परवाह हैं,
वो तेरे भगवान है फिर तू
आज उनसे क्यों दूर हैं।।
आज मां बाप के बारे में……..

तू आज भले ही मां बाप से रिश्ता तोड़ ले
पर वो तुझे कभी नहीं छोड़ेंगे,

तू जब भी मुसीबत में होगा
तब मां बाप ही तेरे काम आयेंगे,
अभी भी वक्त है तू समझ जा,

उनसे प्यार कर, उनका ख्याल रख,
उनसे दूर कहीं न जा।।
आज मां बाप के बारे में…….

परिचय :- आकाश कुमार कल्यानसिंह प्रजापति
निवासी : गांव- मोडासा, जिला- अरवल्ली, गुजरात
घोषणा पत्र : प्रमाणित किया जाता है कि रचना पूर्णतः मौलिक है।


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