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पापा

रुचिता नीमा
इंदौर म.प्र.

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हर खुशी आपके बिना अधूरी
और हर गम आपसे ही दूर होता है
हा पापा
मेरा दिन आपसे ही शुरू होता है

जब समझ न आती कोई राह
तब आप ही सही राह दिखाते हो
मुझ भटकी हुई को आप ही
अपनी मंजिल तक पहुँचाते हो

कभी गुरु बनकर
कभी दोस्त बनकर
तो कभी पिता बनकर
आप हर क्षण मेरा
मार्ग दर्शन कर जाते हो

मेरे मन की बात को
मुझसे पहले ही आप
पढ़ जाते हो
हाँ पापा
हर बार आप मुझको मुझसे ज्यादा
समझ जाते हो

अक्स हु आपका
ये कहते हुए बहुत फक्र होता है,,,
इतने अच्छे पिता का मिलना
बहुत कम को नसीब होता है।।।

शुक्रगुजार हूं उस ईश्वर की
जिसने मुझे आप जैसे पिता दिए
बस विनती इतनी सी है
कि हर जन्म में आप ही
पिता के रूप में मिले

परिचय :-  रुचिता नीमा जन्म २ जुलाई १९८२ आप एक कुशल ग्रहणी हैं, कविता लेखन व सोशल वर्क में आपकी गहरी रूचि है आपने जूलॉजी में एम.एस.सी., मइक्रोबॉयोलॉजी में बी.एस.सी. व इग्नू से बी.एड. किया है आप इंदौर निवासी हैं।


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