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पिता का महत्व

मनोरमा जोशी
इंदौर म.प्र.

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पिता हमारी पहचान हैं,
उनसे रोशन सारा जहाँन है।
पिता माँ का श्रृंगार है,
पिता उज्जवल भविष्य,
का हकदार है।
पिता का दिल सागर समान है।
पिता जीवन ,संबल शक्ति है।
पिता खट्टा मीठा खारा है,
पिता मेरा अभिमान है।
पिता प्यार का अनुशासन है,
पिता जन्म और दुनिया
दिखाने का एहसास है।
पिता रक्त के दिये,
संस्कारों की मूरत है।
पिता रोटी कपड़ा और मकान है।
पिता छोटे से बड़े परिन्दों
का आसमान है।
सब यात्रा व्यर्थ है यदि
बच्चों के होते पिता अस्मर्थ है।
खुशनसीब है जो माँ पिता
के साथ है,
कभी न आती आँच है,
मिलता आशीर्वाद है
जीवन होता आबाद है।

परिचय :-  श्रीमती मनोरमा जोशी का निवास मध्यप्रदेश के इंदौर में है। आपका साहित्यिक उपनाम ‘मनु’ है। आपकी जन्मतिथि १९ दिसम्बर १९५३ और जन्मस्थान नरसिंहगढ़ है।
शिक्षा – स्नातकोत्तर और संगीत है।
कार्यक्षेत्र – सामाजिक क्षेत्र-इन्दौर शहर ही है। लेखन विधा में कविता और लेख लिखती हैं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी लेखनी का प्रकाशन होता रहा है। राष्ट्रीय कीर्ति सम्मान सहित साहित्य शिरोमणि सम्मान, हिंदी रक्षक मंच इंदौर (hindirakshak.com) द्वारा हिन्दी रक्षक २०२० राष्ट्रीय सम्मान और सुशीला देवी सम्मान प्रमुख रुप से आपको मिले हैं। उपलब्धि संगीत शिक्षक, मालवी नाटक में अभिनय और समाजसेवा करना है। आपके लेखन का उद्देश्य-हिंदी का प्रचार-प्रसार और जन कल्याण है। कार्यक्षेत्र इंदौर शहर है। आप सामाजिक क्षेत्र में विविध गतिविधियों में सक्रिय रहती हैं। आपकी रचनाएँ हिंदी रक्षक मंच (hindirakshak.com) व एक काव्य संग्रह में प्रकाशित हुई है।

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

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