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स्वर्ग सी धरती

डॉ. भवानी प्रधान
रायपुर (छत्तीसगढ़)

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धरती ओढे हरियाली चुनर
मनमोहक लगे सुन्दर अपार
मंद-मंद मुस्कुराई धरा
रंग बिरंगे फूलों की डाली
वृक्षों का हो सघन विस्तार
होले -होले चले शीतल बयार
प्रकृति की सौंदर्य निखरे आज
खिल उठे वन उपवन आज
अलबेली अपनी वसुंधरा रानी
सरसों फुले पीली धानी
खेतों में लहराये फसलें सारी
हरियाली प्रतिक खुशहाली का
मद में भरकर झूम रही
उपवन की डाली -डाली
वृक्षों पर खग कलरव तान
नाचे वन में मोर पंख पसार
पीहू -पीहू पपीहा करें आज
आम्र में कोयलिया कूक रहीं
मृग विचारते मधुबन में आज
सरिता की निर्मल जल धारा
मेघ मिलाते धरती अम्बर
कण-कण नव जीवन स्पंदित
श्यामल तन पर सुमन सुगन्धित
अलबेली अनुपम अतिसुन्दर लगती
चराचर आनंद की अनुभूति
पर्यावरण लगे सुरभित मनभावन
धरा की मिट्टी हो उपजाऊ
छलकाये प्रकृति प्रेम गगरिया
जीव जगत में तब हो उजियारा

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परिचय :- डॉ. भवानी प्रधान
जन्म : २४ फरवरी महासमुंद (छ.ग.)
पिता : श्री गौतम भोई
माता : श्रीमती बिलासिनी भोई
पति : श्री शेषदेव प्रधान
निवासी : रायपुर (छत्तीसगढ़)
शिक्षा : एम. ए. राजनीति शास्त्र, एम. ए. हिंदी, साहित्य, बी. एड., डी. सी. ए., डिप्लोमा, इन इंग्लिश, पीएच. डी.
प्रकाशन विवरण : विभिन्न राष्ट्रीय शोध -पत्रिकाओं में एवं पुस्तकों में शोध-पत्रों का प्रकाशन, विजन आज – कल मासिक पत्रिका में, प्रबंध सम्पादक, लोक राग साहित्यिक वेब पोर्टल, देवभूमि साहित्यिक वेब पोर्टल, स्वैक्षिक दुनियां साहित्यिक वेब पोर्टल, दक्षिण समाचार -प्रतीक्षा साहित्यिक पत्रिका में समसामयिक विषयों पर आलेखों का प्रकाशन
सम्प्रति : शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव में अतिथि व्याख्याता (हिंदी )
अन्य : तपस्या सामाजिक सेवा संस्थान में सक्रिय भूमिका, विभिन्न समाज सेवी संस्थाओं में भागीदारी


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