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दर्द लघुकथा

श्रीमती शोभारानी तिवारी
इंदौर म.प्र.

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मुन्नी चलो, रमा सब सामान रख लो। राजू को गोदी में बारी-बारी से उठा लेंगे। मुन्नी ने कहा, कहां चले बापू ? रमेश ने कहा, हम अब यहां नहीं रहेंगे। इस शहर ने हमें दिया ही क्या है ? १० वर्ष हो गये, हम यहां कमाने खाने के लिए अपने गांव से शहर “मुंबई “आए थे। इन १० वर्षों में मेहनत और परिश्रम किया भवन का निर्माण किया। कभी गुंबद पर चढ़कर, कभी मंदिर के नींव में दबकर, लेकिन लॉक डाउन में जब लोगों की बारी आई तब हमारा ख्याल रखने को कोई नहीं आया। सबने हाथ झटक दिए। तीन दिनों से हम भूखे और प्यासे हैं। कोई पानी तक को पूछने नहीं आया। सेठ ने हमें नौकरी से निकाल दिया। अब क्या करें? तो हमें हमारा गांव ही दिखाई दे रहा है। धीरे से रमा ने कहां, लेकिन हम गांव जाएंगे कैसे? ट्रेन, बस तो चल नहीं रही है। रमेश ने जवाब दिया, अभी हमारे हाथ पैर सही सलामत हैं। हम पैदल ही जाएंगे, और मुन्नी और राजू को बारी-बारी से कंधों पर उठा लेंगे। रमेश को दर्द भी हो रहा था शहर छोड़ने का, पर उनके पास कोई और विकल्प नहीं था। वे घर से बाहर निकले ही थे कि पुलिस ने उन्हें रोक लिया। कहां जा रहे हो, कैसे जाओगे? यहीं क्यों नहीं रह जाते? बहुत से प्रश्न किया। अगर कोई कोरोना पॉजिटिव मिल गया तो तुम लोग मर जाओगे। रमेश ने कहा कि कोरोना से मरें या ना मरें मगर भूख से अवश्य मर जाएंगे। हमें जाने दीजिए। वे चलने लगे। चलते-चलते पैरों में छाले पड़ गए और खून बहने लगा, जो समय के इतिहास की कहानी लिख रहा था। भूख और प्यास के कारण बच्चों का बुरा हाल था। दोनों बच्चे जोर-जोर से चिल्लाने लगे। भूख और प्यास के कारण राजू की तबीयत बिगड़ने लगी। कुछ समय बाद राजू की मृत्यु हो गई। अब रमेश राजू की लाश को कंधे पर रखा चला जा रहा था। सोच रहा था राजू जिंदा भले ही गांव नहीं पहुंच पाया तो क्या, गांव की मिट्टी तो उसे नसीब होगी। आंखों से अश्रु धारा अविरल बह रही थी।

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परिचय :- श्रीमती शोभारानी तिवारी
पति – श्री ओम प्रकाश तिवारी
जन्मदिन – ३०/०६/१९५७
जन्मस्थान – बिलासपुर छत्तीसगढ़
शिक्षा – एम.ए समाजश शास्त्र, बी टी आई.
व्यवसाय – शासकीय शिक्षक सन् १९७७ से वर्तमान में शासकीय हिन्दी प्राथमिक विद्यालय क्र. ६४ इन्दौर में प्रधानाचार्य
किसी क्षेत्र में उपलब्धियों का विवरण –
श्रेष्ठ शिक्षक अवार्ड ५ सितंबर२०१५
उत्कृष्ट शिक्षक अवार्ड (आइसेक्ट यूनिवर्सिटी) २०१३
एक्सिलेंस टीचर्स अवार्ड (पत्रिका द्वारा) इंदौर २०१५
मालव रत्न अवार्ड इन्दौर २०१६
राज्य स्तरीय पुरस्कार दैनिक विनय उजाला २०१६
शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट सम्मान (साहित्य कलश द्वारा ) २०१८
प्रकाशित रचनाओं की संख्या – ६०
प्रकाशित पुस्तकों की संख्या – ०१
विधा – काव्य (एक उड़ान उन्मुक्त गगन में )

प्राप्त सम्मान :-
जे एम डी पब्लिकेशन द्वारा हिन्दी सेवी सम्मान (दिल्ली) २०१२
साहित्य रत्नाकर सम्मान (लखनऊ) २०१५
माहेश्वरी सम्मान (भोपाल) २०१५
डाँ. महाराज कृष्ण स्मृति सम्मान (शिलांग) २०१५ स्वर्ण पदक
विकल सम्मान (उत्तर प्रदेश) २०१६
विद्या वाचस्पति पुरस्कार (भागलपुर बिहार) २०१६
साहित्य भूषण एवं नारी रत्न सम्मान (रायपुर)
रविन्द्रनाथ ठाकुर सारस्वत साहित्य सम्मान (कोलकाता) २०१५
महिला गौरव सम्मान (खण्डवा) २०१७
१० कलमवीर सम्मान (ग्वालियर) २०१७
११ हिंदी रक्षक मंच इंदौर म.प्र. (hindirakshak.com) द्वारा – हिंदी रक्षक २०२० राष्ट्रीय सम्मान
कुल ४३ अवार्ड
काव्य पाठ का विवरण :-
आकाशवाणी से कविताओं का प्रसारण १६ वर्षों से
खण्डवा म. प्र.
कनाड़िया इन्दौर
स्मृति नगर इन्दौर
शिक्षक नगर इन्दौर
पत्रिका मेला इन्दौर
तिलक नगर इन्दौर
माण्डव जिला म. प्र. में
हिंदी रक्षक मंच द्वारा आयोजित अ. भा. कवि सम्मेलन में
घोषणा – मै घोषणा करती हूँ कि प्रेषित जीवन परिचय में मेरे द्वारा दी गई समस्त जानकारी पूर्णतया सत्य है। असत्य पाए जाने की दशा मे हम स्वयं जिम्मेदार होंगे।


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