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कान्हा

शालिनी सिंह
जिला गोंडा (उ.प्र.) भारत

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मेरे आये प्रभु नंदकिशोर धाम मधुवन में।
भाद्रपदा की आधी रात अंधेरी।।
घन-घन-घन-घन बादर घेरी।।
बिजुरी चमके चहुँ-ओर धाम मधुवन में।
मेरे आये….

वह देवकी माँ आठवे लाला।
कारागार का खुल गया ताला।।
माया ने अस खेला खेला।
बंधन मुक्त हुए वसुदेव धाम मधुवन में।।
मेरे आये….

पितु वासुदेव प्रभु गोकुल लाये।
देवन सज्जन के काज संवारें।।
दुष्टन के जे मारन वारे।
यशुमति के प्राणाधार धाम मधुवन में।
मेरे आये….

यशुमति लाला पालने पौढे़।
देखि-देखि यशोदा नंद हर्षे।
नारद शारद शेषहि गावै।
मेरे आये घन-आनंद श्याम धाम मधुवन में।।
मेरे आये….

मेरे कान्ह बकईया चलन जे लागे।
मोर पंख सिर शोभन लागे।।
पीताम्बर तन पहिरे मुरारी।
पहिरे गले गजमुक्तन माल धाम मधुवन में।
मेरे आये….

अंग आभूषण पहिरे गिरधारी।
लाल विशाल अंखियां कजरारी।।
धनुष भौह लाल मधुराधर।
अरे घुघराले काले केश धाम मधुवन में।।
मेरे आये….

चलते घुटरवन पकरैं परछाई,
देखि यशोदा जाय जुड़ाई।
हंसत रजत दुई दांत दिखाही।
मुख लेती प्रभु छिपाई धाम मधुवन में।।
मेरे आये….

पइयां -पइयां प्रभु दौरन लागे।
कटि करधनी रुनझुन बाजे।।
पैरन् में प्रभु के पैजनि सोहे।
उठति-गिरति प्रभु श्याम धाम मधुवन में।।
मेरे आये….

मुख माखन और दधि लपटाये।
चोरी करै गोपिन घर जावै।।
बोलति झूठ करते बरजोरी।
मटकी फोरति नंदलाल धाम मधुवन में।।
मेरे आये….

अधर सुधा-रस मुरली राजति।
सुनि कर तान सकल दुख भाजति।।
यशोमती नंदन वह कृष्ण मुरारी।
वह कंश के मारन हार धाम मधुवन में।।
मेरे आये….

राधा -गोपियों संग प्रभु रास रचाते।
भक्तियोग प्रकाष्ठा पर पहुचाते।।
जीव नाशी प्रभु है अविनाशी।
घट-घट वासी घनश्याम धाम मधुवन में।।
मेरे आये….

सकल भयो की हारी राधे।
मनमोहन की सखि प्यारी राधे।।
जीवन जीत है राधे राधे।
प्रभु कृष्ण भामिनी विराजे धाम मधुवन में।।
मेरे आये….

राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे।
सकल सृष्टि में राधे राधे।।
जीवन दृष्टि में राधे राधे।
श्याम प्रिया राधा माई धाम मधुवन में।।
मेरे आये….

 

परिचय :- शालिनी सिंह
पिता : स्वं विजय प्रताप सिंह
माता : श्रीमती मालती सिंह
शिक्षा : एम ए हिन्दी बीएड
निवासी : जिला गोंडा (यूपी) भारत

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