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लॉकडाउन

आकाश प्रजापति
मोडासा, गुजरात

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आज सब की झूबा पे सिर्फ
एक का ही इजहार हैं।
चीन से आया मेहमान कब
जाएगा बस इसका ही इंतजार हैं।।

लॉकडाउन के आज ६० दिन हो गए।
लोगो के आंख के आंसू भी सुख गया गऐ।।

सबकी हालत आज बेहाल हैं।
हम स्टूडेंट्स भी इस कॉरोना से बड़े परेशा हैं।।

सोचा था कॉलेज से कुछ दिन ही दूर रहना है।
कॉरोना चला जाएगा फिर कॉलेज से रोज मिलना है।।

अब ना तो कॉरोना जा रहा है,
ना ही लॉकडाउन खत्म हो रहा है।
कॉलेज और दोस्तो को याद कर
घर में ही कैद होकर रहना हैं।।

जब कॉलेज के दिनों में
कॉलेज जाने में पक जाते थे।
अब लॉकडाउन समझा रहा हे की
कॉलेज के दिन ही तुम्हारे अच्छे अफसाने थे।।

१२ बजे की कॉलेज होती थी तो,
दोहपर का नास्ता दोस्तो के संग होता था।
शाम आते आते दिन मस्ती कब गुजर गया,
पता ही नहीं चलता था।।

अब बस बहुत ठहर लिया,
इस बिन बुलाए चीनी मेहमान ने।
हमसे खातिरदारी अच्छी करवाली
इस कॉरोना नामके शेतान ने।।

अब सब भारतीय एकजुट होकर
इसको भगायेंगे।
ये हिंदुस्तान में वापस न आए
ऐसा बेंड-बाजा इसके लिए बज वायेंगे।।

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परिचय :आकाश कल्याण सिंह प्रजापति
निवासी : मोडासा, जिला अरवल्ली, गुजरात


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