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गहन अंधकार

धैर्यशील येवले
इंदौर (म.प्र.)

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गहन अंधकार
मुझे निगलने के लिए
मेरी तरफ बढ़ रहा था
मैन एक दिप रख दिया
उसके सामने

वो कड़कती
आवाज़ में खंजर
लहराते मुझसे बोला
जो कुछ है निकाल कर
रख दे फ़क़ीर
मैंने, दुआएँ, क्षमा
शुभेच्छाएँ निकाल कर
रख दी
उसके सामने।

वो बेहद डरा सहमा
निराशा से घिरा
मदद की गुहार करता
आया मेरे पास
मैंने, आशा, विश्वास, साहस
निकाल कर रख दिये
उसके सामने।

मैं जानता हूँ
तुम सत्य, अटल हो
परंतु तुम्हे असमय
नही आने दूंगा।
मैं जीवनगीत गाने लगा
उसके सामने।

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परिचय :- धैर्यशील येवले
जन्म : ३१ अगस्त १९६३
शिक्षा : एम कॉम सेवासदन महाविद्याल बुरहानपुर म. प्र. से
सम्प्रति : १९८७ बैच के सीधी भर्ती के पुलिस उप निरीक्षक वर्तमान में पुलिस निरीक्षक के पद पर पीटीसी इंदौर में पदस्थ।
सम्मान : हिंदी रक्षक मंच इंदौर (hindirakshak.com) द्वारा हिंदी रक्षक २०२० सम्मान


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