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कहती है धरती सुनो

डॉ. भवानी प्रधान
रायपुर (छत्तीसगढ़)

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कहती है धरती सुनो
बहुत कुछ बदल दिया
घर बंदी ने
प्रकृति के रंग निखर आये
पेड़ों के पत्तों का रंग भी
कुछ ज्यादा ही गहरा हुआ
फूलों की रौनक बढ़ गई
शुद्ध हो गई हवा भी
सदियों बाद
आसमान का नीलापन
निखर आया
बढ़ गई तारों की चमक
चाँद भी मुस्कुराने लगा
कहती है धरती सुनो
वर्षों बाद
शहरों में कोयल की कुक
सुनाई दे रही
कहीं हंसों के जोड़े
लौट आये
सड़कों पर
कहीं हिरणों के झुंड
दिख रहे
पर्यावरण ने स्वच्छता
शुद्धता का रंग ओढ़ लिया
निर्मल हुईं नदियाँ
मुस्कुराते बह रहीं
घाट किनारे
अठखेलियाँ करती मछलीयाँ
दिख रही
कहती है धरती सुनो
जंगल हो या समुन्दर
सहज रूप को जाना
यह सुन्दर सुखद बदलाव
सहअस्तित्व का
दे रही सीख हमें

.

परिचय :- डॉ. भवानी प्रधान
जन्म : २४ फरवरी महासमुंद (छ.ग.)
पिता : श्री गौतम भोई
माता : श्रीमती बिलासिनी भोई
पति : श्री शेषदेव प्रधान
निवासी : रायपुर (छत्तीसगढ़)
शिक्षा : एम. ए. राजनीति शास्त्र, एम. ए. हिंदी, साहित्य, बी. एड., डी. सी. ए., डिप्लोमा, इन इंग्लिश, पीएच. डी.
प्रकाशन विवरण : विभिन्न राष्ट्रीय शोध -पत्रिकाओं में एवं पुस्तकों में शोध-पत्रों का प्रकाशन, विजन आज – कल मासिक पत्रिका में, प्रबंध सम्पादक, लोक राग साहित्यिक वेब पोर्टल, देवभूमि साहित्यिक वेब पोर्टल, स्वैक्षिक दुनियां साहित्यिक वेब पोर्टल, दक्षिण समाचार -प्रतीक्षा साहित्यिक पत्रिका में समसामयिक विषयों पर आलेखों का प्रकाशन
सम्प्रति : शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव में अतिथि व्याख्याता (हिंदी )
अन्य : तपस्या सामाजिक सेवा संस्थान में सक्रिय भूमिका, विभिन्न समाज सेवी संस्थाओं में भागीदारी


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