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मै हूं

मित्रा शर्मा
महू – इंदौर

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मै हूं

तेरे बिना कुछ नहीं हूं मै,
तेरे पसीने की कर्जदार हूं मैं।
क्या लौटा पाऊंगा
तेरी वफादारी का कीमत,
कभी कर पाऊंगा तेरे
भूखे नंगे बच्चो पर रहमत।
नहीं हूं काबिल
तुझ से आंख मिलाने के
डर है मुझे मुझे मेरे
हाथ खाली रह जाने के।
छोड़ दिया अब तुझे
सड़क पे मरने को,
कुछ बचा नहीं
तेरे पास पेट भरने को।
खुदगर्ज इंसान हूं
यह फितरत है मेरी,
तेरे पसीने का खाकर तुझ से
उलझने की ताकत है मेरी।
बख्श दे प्राण दाता
तेरे रहमों कर्म पर,
जिंदा हूं इठलाता हूं
अपने गुमान पर।

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परिचय : मित्रा शर्मा – महू (मूल निवासी नेपाल)


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