धैर्यशील येवले
इंदौर (म.प्र.)
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आग
जिस्म के तहखाने में लगी
सारे जिस्म में फैल रही है।
निकलने लगी है,
चिंगारियां,
आँखों की खिड़कियों से।
सावधान
सावधान,
निजाम चलाने वालों
लग रहा है, आग
बेकाबू हो कर फैलने वाली है।
चिंगारियों की जगह
कुछ ही देर में निकलेगी
आँखों से आग की लपटें
धधक उठेगा सारा जिस्म
आग से।
खोजो, खोजो
आग लगने के कारण खोजो
वरना,
सारा निज़ाम आग की चपेट में
आ जायेगा।
फिर कुछ न बचेगा
न निज़ाम
न भूख।
बचेगी, सिर्फ राख
इतिहास की राख।
निज़ाम – प्रशासन व्यवस्था
दावानल – जंगल की आग
.
परिचय :- धैर्यशील येवले
जन्म : ३१ अगस्त १९६३
शिक्षा : एम कॉम सेवासदन महाविद्याल बुरहानपुर म. प्र. से
सम्प्रति : १९८७ बैच के सीधी भर्ती के पुलिस उप निरीक्षक वर्तमान में पुलिस निरीक्षक के पद पर पीटीसी इंदौर में पदस्थ।
सम्मान : हिंदी रक्षक मंच इंदौर (hindirakshak.com) द्वारा हिंदी रक्षक २०२० सम्मान
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