Saturday, September 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

कोरोना काल

ओमप्रकाश सिंह
चंपारण (बिहार)

********************

हिंदी साहित्य जगत में
अब तक आया है चतुर्थ काल
भक्ति रीती वीर और आधुनिक काल
यह पंचम काल बनकर उभरा है
यह भयावह विस्मयकारी कोरोना काल
यह किसी? प्रकृति की नियति है की मानव है कैद
महाभूल में भविस्य काल की अंधकार में।
वुहान सहर चीन राष्ट्र ने।
पूरी मानवता को झोंक चुका
लॉकडौन की हाहाकार और अंधकार में।
पंचम सुर में बज रहा यह
कोरोना की दुखद भयावह राग।
हाय यह कैसा आया? कोरोना का दुखद काल
मानव मानव से संसंकित है
वेहद दुखद यह संतप्त घड़ी है
दिख रही सामने आने वाली
भूख मेरी और विपदा की घड़ी है
जागो जागो है त्रिपुरारी घट घट के वासी
फिर से तू विश पान करो कोरोना का संघार करो
अमृत कलश को छलकवो है अभ्यंकर
हे नटराज फिर दे दो अभय दान
मिट जाए यह मानवता का दुखद काल
तेरे चरणों मे है इस अकिंचन का सहस्त्रो प्रणाम।

.

परिचय :- ओमप्रकाश सिंह (शिक्षक मध्य विद्यालय रूपहारा)
ग्राम – गंगापीपर
जिला – पूर्वी चंपारण (बिहार)
सम्मान – हिंदी रक्षक मंच इंदौर (hindirakshak.com) द्वारा हिन्दी रक्षक २०२० सम्मान


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.comपर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻hindi rakshak manch 👈🏻 हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *