भवानीमंडी। भारतीय कलाकार संघ द्वारा लॉकडाऊन के दौरान युवा कवियों की प्रतिभा निखारने हेतु चलाए जा रहे ऑनलाइन युवा साहित्यकार सम्मेलन के अंतर्गत सोमवार को ऑनलाइन युवा कवयित्री सम्मेलन आयोजित किया गया जिसने देश के तमाम शहरों की नवोदित कवयित्रियों ने काव्य पाठ किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ.राजेश कुमार शर्मा पुरोहित एवं विशिष्ट अतिथि रमाशंकर योगी जी ने पूरे समय उपस्थित रहकर कार्यक्रम का आनंद लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ कवियत्री नेहा सोनी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर किया।
दतिया से साक्षी पचौरी ने अपनी रचना तलब प्रस्तुत करते हुए पढ़ा, तलब लगी है इक झलक उसके दीदार की…
ना दारू की ना सिगार की ना ही कोई सुट्टा बार की…
तलब लगी है उसे हिन्दुस्तानी दीवार की। रश्मि दुबे भोपाल ने कहा “जिसे तुमने जितना चाहा वह तुमसे खुद को हार चुकी है”। नवाबों के शहर लखनऊ से वंदना श्रीवास्तव वान्या ने अपनी मार्मिक कविता “शहीद की वेबा” पढ़ी तो आंखों में आंसू आ गए “मजदूर की व्यथा” कविता से वान्या ने मजदूर वर्ग की समस्याओं को स्पर्श किया। दतिया से नेहा सोनी ने अपनी कविता में कहा -देश बिना न वजूद मेरा, न मेरी कोई हस्ती है, मैं हूँ बेटी देश की नेहा, नाम मेरा देशभक्ति है।।
दिल्ली से मनीषा गिरि ने अपनी कविता में कहा – वो कहते है, वो कहते हैं,कि पीलो इस ज़हर रहा क्यों। ग्वालियर से पुष्पा मिश्रा ने पढ़ा मेरे दिल की यह चाहत है, तुम्हें दिल में बसा लेना। तुम्हें चाहा तो बरसों से, मगर मैं कह नहीं पाया। कार्यक्रम में जबलपुर से रुचि तिवारी, सहारनपुर से अंजू प्रजापति ने भी काव्य पाठ किया। कार्यक्रम संयोजक शिवम् यादव टोड़ा ने कहा कि देश में कलाकारों के लिए समर्पित संगठन भारतीय कलाकार संघ ऑनलाइन साहित्यकार सम्मेलन की श्रृंखला में इसी प्रकार से नित्य नए आयोजन करता रहेगा उन्होंने बताया कि आगामी बुधवार को पुनः ऑनलाइन युवा कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाना है।
संचालन रोहित गुस्ताख एवं आभार अक्षय दुबे ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में श्रोता समूह के रूप में शिशुपाल यादव, संजय दिनारा, अमरजोत निडर, दीपक पचोर, विक्रम पेंटर, अरुण यादव, धर्मेन्द्र यादव, राज बुंदेलखंडी, बेताल केन,आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
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