
मुकुल सांखला
पाली (राजस्थान)
********************
आता है वह अलसुबह
सूर्य की पहली किरण के साथ
टूटे चप्पल और पुराने कपडे
अपनी साईकील पर थैला लिए
और लाता है
चंद पन्नों में समेटकर सारा संसार
कुछ मीठी कुछ खट्टी
खबरे होती है कुछ तीखी और कुछ चटपटी
कहीं होता है राजनीति का दंगल
कहीं बिखरा रहता है खेल
होती है बाते फिल्मी जगत की
कुछ मनोरंजन और होता है कुछ व्यापार
कमाने को दो वक्त की रोटी
बिक जाता है पूरा बचपन
खिसकाकर अखबार हर दरवाजे के नीचे से
भागता है स्कूल की और
पढने की चाह इतनी
बस मिल जाए वक्तौर जगह
लाता है सूखी रोटी और थोडा अचार
देने को आकार अपने सपनों को
मजबूरी में करता है मजदूरी
कोई और नहीं है वह
भविष्य को खोजता अखबार वाला
.
परिचय :- मुकुल सांखला
सम्प्रति : अध्यापक राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, खिनावडी, जिला पाली
निवासी : जैतारण, जिला पाली राजस्थान
आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.comपर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…
आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें hindi rakshak manch
हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…