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जननी जन्मभूमि

राम प्यारा गौड़
वडा, नण्ड सोलन (हिमाचल प्रदेश)

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मैं तुम्हारी मातृभूमि,
प्रिय वत्स! तुम मेरे हो
स्नेह सिक्त स्पर्श लुटाया,
ममता का आंचल ओढ़ाया,
वात्सल्य से सींचा तुमको,
गोद में अपनी पाला-पोसा…
मृदु फलाहार कराया।
पुष्पों की सुगंध से…
जीवन तुम्हारा महकाया।
गंगा के अमृत जल में अवगाहन करा,
जीवन पुनीत बनाया।
मैं तुम्हारी मातृ भूमि…
प्रिय वत्स तुम मेरे हो।
मैंने तुमको, वेदों का ज्ञान कराया,
उपनिषदों का पाठ पढ़ाया।
ऋषि मुनियों की तपश्चार्य से,
जीवन तुम्हारा चमकाया।
यहा ‘धर्म’ आधार जीवन का
विचारों का संस्कारों का।
मुझे छोड़ तू गया विदेश,
मैं ताकती रही निर्निमेष।
आज बर्बर देशों ने,
असभ्यता के अवशेषों ने…
विकट संकट में तुम्हें त्याग दिया,
छोड़ सम्बल, तुमसे किनारा किया।
यह देख मेरे हृदय पर कुठाराघात हुआ…
जिजीविषा को देख तुम्हारी,
परिजनों में भी दिखी लाचारी।।
अन्न-धन अपार यहां,
सरिताएं दूध की बहती हैं…
जीवन मूल्यों की अनवरत धारा,
दिन रात यहां बहती है।
आओ वत्स !
मेरी प्यारी गोद में बस जाओ।
फिर मत जाना मुझे छोड़,
वरना फिर पछताओगे।
ऋषि यों की वाणी याद करो,
“जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी”
नित्य इसका गुणगान करो।
भय मुक्त हो कोरोना का विनाश करो।।
मैं तुम्हारी मातृभूमि,
प्रिय वत्स तुम मेरे हो,
तुम मेरे हो….

 

परिचय :-  राम प्यारा गौड़
निवासी : गांव वडा, नण्ड तह. रामशहर जिला सोलन (सोलन हिमाचल प्रदेश)


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