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विश्व के महामारी

प्रिन्शु लोकेश तिवारी
रीवा (म.प्र.)

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शिव बंदना (वार्णिक छंद)

नगर मा महेश के महामारी विकसित
बासी नरनारि बहुतए भयभीत हैं।

छिकरत खहरात हहरात मरि जात
कौनो बैद अब तक ऐसे नहीं जीत है।

भूमिचोर भूमिपाल भूलि गए हाल-चाल
देश मा तेज से बढ़ गए पाप रीत हैं।

महादेव भोरेनाथ भवत भवानीनाथ
तेरो हि सहारो सब जंग जग जीत है।

____ २._____

ठाकुर महेश जहां गनपति- सेनापति
हाल बेहाल नहि होत ओह शहर की।

भूतनाथ दीनानाथ गौरीनाथ जहां बसे
मारन कि शक्ति छिन जाति है जहर की

लोकरीति राखि-नाथ महामारी दूर करौ
नष्ट करो रोग सिन्धु पापनी ठहर की।

आए दिन एक-एक जाए रहे यमपुरी
बीज ही को नष्ट करो प्रभु ऐसो फर की।

____३._____

उमा जुके भरतार हर-तार देश कष्ट
मंगल के दाता दास देशबासी तेरो हैं।

बढत-दुखारि बाल-वृध्द परेशान सब
गिरिनाथ गौरीनाथ हम सब चेरो हैं।

घर को कंगाल कर मालिक करेगा क्या
हे भूमिपाल तेरो हम ही सब ढेरो हैं।

रोष को बिसारि करि क्षमाकर दीनानाथ
सुनि रखो नाम आशुतोष नाथ तेरो हैं।

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परिचय :-  प्रिन्शु लोकेश तिवारी
पिता – श्री कमलापति तिवारी
स्थान- रीवा (म.प्र.)

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