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होली का रंग

सरिता कटियार
लखनऊ उत्तर प्रदेश

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होली का रंग करो ना भंग

रंग के बदले प्यार बढ़ाओ
मिल जुल कर के होली मनाओ

तुम सब भी इस ढंग में आओ
गले मिलो सब द्वेष मिटाओ

क्या रखा ज़रा ये तो बताओ
तेरी मेरी को दिये हो बढ़ाओ

ना कोई कीमत ना कोई भाव
समझ गये तो ना रहे अभाओ

हाथ मिला कर गले लगाओ
दिल से दिल का रंग मिलाओ

मिला के रंग से नया रंग बनाओ
बदल सका रंग खून बताओ

दिल से दिल में पड़े पढ़ाओ
नफरत की फितरत को भगाओ

सरिता करे विनती समझाओ
इंसां नियत के बढ़े क्यों भाओ

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परिचय :-  सरिता कटियार  लखनऊ उत्तर प्रदेश


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