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वीर सैनिक

डॉ. गुलाबचंद पटेल
अहमदाबाद (गुज.)

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सिर पर कफन बाँधकर निकलते वीर सैनिक होते हैं,
देश के लिए जान कुर्बान करने वाले वीर सैनिक शाहिद होते हैं

न मात-पिता न भाई-बहन को याद लाते हैं,
तभी तो दुश्मन को वीर सैनिक लड़ पाते हैं,

हर पल वीर सैनिक गीत राष्ट्र के गुनगुनाते है,
देश रक्षा की चिंता उन्हें हर पल सताती है,

पेर मे भारी बूट, कंधे पर बंदूक लगाते हैं,
देख ले अगर दुश्मन से तो गोली चलाते हैं,

दुश्मन देश जब मातृ भूमि पर हमला करते हैं,
तब दुश्मन को वीर सैनिक मार गिराते है,

सैनिक वीर के कारण देश हमारा सलामत है,
नहीं तो देस में दुश्मन घुसकर कब्जा करते हैं,

दुश्मन से लड़ते वीर सैनिक शहीद हो जाते हैं,
जान अपनी कुर्बान कर परम वीर चक्र पाते हैं

सैनिक शहीद की जब शरीर गांव में आती हे,
तब पूरे गाँव शहर में शोक मग्न हो जाता है,

वीर सैनिक को हम दिल से करते हैं सलाम,
आप राष्ट्र प्रेम, तुम्हारे दिल में रखना जनाब

परिचय :-  डॉ. गुलाबचंद पटेल अहमदाबाद (गुज.)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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