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प्रेम चरित्र

विमल राव
भोपाल म.प्र

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भूल गई तुम मुझको सच में
पर में तुमको भूल ना पाया
शायद तुमने ठोकर मारी
में तुमको ठुकरा ना पाया

ख्वाब सजाया था दिल में
तुमने उसको भी तोड़ दिया
दोस्त मेंरे सब ऎसे निकले
सांथ मेरा हीं छोड़ दिया

जाने दो वो, बीता कल था
अब क्या उसको याद करूँ
कोई नहीं हैं अब भी दिल में
में किससे फरियाद करूँ

पर उम्मीद अभी थी बांकी
मन में भी विश्वास रहा
उसनें हीं ठुकराया मुझको
उसको भी मैं याद रहा

शायद सच था प्यार मेरा जो
उसनें फिरसे याद किया
मिलकर उसनें फिर से मुझको
जी ते जी आबाद किया

फिर से अलख जगा इस दिल में
फिर में ख्वाब सजा बेठा
वो फिर भी मेरी नहीं हुई
में फिरसे उसका हो बेठा

हर बार वो मुझसे मिलती हैं
हर बार बिछड़ भी जाति हैं
वो जेसी भी हैं अच्छी हैं
बस मुझको बहुत रूलाती हैं

फिर भी ये विश्वास हैं उस पर
वो वापस गले लगायेगी
भूल नहीं पायेगी मुझको
मन हीं मन पछतायेगी

कुछ कमियां तो मुझमें भी हैं
जो में उसको भूल ना पाया
कितनी बार झँजोडा उसनें
फिर भी उसको गले लगाया

लाख मना करती हैं वो
में तेरी ना हो पाऊँगी
मत कर मुझसे प्यार “विमल”
में भूल तुझे ना पाऊँगी

काश तेरी बनती दुल्हन
ये घर वालों को रास नहीं
कितनी पीड़ा में – हूँ – मैं अब
शायद तुझको एहसास नहीं

एहसास मेंरे इस दिल में हैं
में याद तुम्हें करती पल पल
शायद तुमसे शादी ना हो
तुम माफ मुझे भी करो “विमल”

केसे माफ करूँ में तुमको
तुमने मुझे फंसाया हैं
जबभी मेने देखा तुमको
तुमने भी मुस्काया हैं

नजरें बहुत छुपाई तुमने
दिल में जगह बनाई थी
शायद मेरी प्रेम कहानी
मन हीं मन अपनाई थी

जेसा में पहले था पगली
अब भी बिलकुल वेसा हूँ
पता नहीं तेरी नजरों में
जाने अब में केसा हूँ

पर तुम इतना याद रखो
में अब भी तुमको चाहता हूँ
तेरे मात्र बुलाने भर से
में अबभी आ जाता हूँ

वादा हैं तुमसे अपना
मैं भूल तुम्हें ना पाऊँगा
मर जाऊँगा एक दिन मैं
फिर भी तुमको चाहूँगा

बचपन से जिसको चाहा
मैं उसको केसे भूलूँगा
वो चाहे तो भूल भी जय
मैं ना उसको भूलूँगा

मैं तो अब भी जीता हूँ जी
उसकी बीती यादो में
याद रखा हैं मैंने उसको
अपनें दिल के जसबातों में

वो कैद मेंरे अरमानो में
मैं उनके संग जीता हूँ
वो जेसी हों वेसी रहले
मैं देख उसी को जीता हूँ

उसको खुशियाँ मिले जहाँ की
मुझको सारे गम दे दो
वो डोली में बैठ रहीं हैं
मुझको यार कफन दे दो

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परिचय :- विमल राव सामाजिक कार्यकर्ता एवं प्रदेश सचिव अ.भा.वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान म.प्र.
निवासी : भोपाल म.प्र


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