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जिन्दगी

रूपेश कुमार
(चैनपुर बिहार)

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जिन्दगी के पन्नों में,
ना जाने कब क्या हो,
कही मौत का पता नहीं,
कही जान का अता नहीं।

सिर्फ रह जाती हैं,
नीलाम्बर सी याद्दे,
इन यादों का एहसास,
ना जाने कब दफन हो जाएँ।

वक्त के साथ चलो,
जिंदगी के मेलों मे,
मधुर वाणी के अमृत की,
जीवन चरिचार्थ हुईं।

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परिचय :- 
नाम – रूपेश कुमार छात्र एव युवा साहित्यकार
शिक्षा – स्नाकोतर भौतिकी, इसाई धर्म (डीपलोमा), ए.डी.सी.ए (कम्युटर), बी.एड (महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड यूनिवर्सिटी बरेली यूपी) वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी !
निवास – चैनपुर, सीवान बिहार
सचिव – राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान
प्रकाशित पुस्तक – मेरी कलम रो रही है
कुछ सहित्यिक संस्थान से सम्मान प्राप्त !


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