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मकर संक्रांति

आशा जाकड़
इंदौर म.प्र.

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मकर संक्रांति का पावन पर्व।
हम भारतीय करते इस पर गर्व।

तिल गुड़ की है इसमें मिठास
दूर करती रिश्तों की खटास।

तिल- गुड़ रखते काया निरोग
खाओ-खिलाओ तिलगुड़-भोग।

प्रेम-भाव से खूब उड़ाओ पतंग
हिल-मिल रहो सभी के संग।

गुड़ से मीठे रिश्ते महकते रहें
परस्पर सम्बन्ध चहकते रहे।

जीवन में खुशियों का रंग भरदे
वासंती खुशनुमा उल्लास भरदे।

रखो ऊँचा उठने की स्वकामना
दूसरों को आगे बढ़ने की प्रेरणा।

संक्रांति पर सभी को शुभकामना
उउन्नति सफलता यश की कामना ।।

 

परिचय :- आशा जाकड़ (शिक्षिका, साहित्यकार एवं समाजसेविका)
शिक्षा – एम.ए. हिन्दी समाज शास्त्र बी.एड.
जन्म स्थान – शिकोहाबाद (आगरा)
निवासी – इंदौर म.प्र.
व्यवसाय – सेन्ट पाल हा. सेकेंडरी स्कूल इन्दौर से सेवानिवृत्त शिक्षिका)
प्रकाशन कृतियां – तीन काव्य संग्रह – राष्ट्र को नमन, नये पंखों की उड़ान, हमारा कश्मीर)
कहानी संग्रह – (अनुत्तरित प्रश्न), एक निबंध पुस्तक सिंहस्थ महोत्सव २०१६
उपलब्धियाँ – काव्य गोष्ठियों में नियमित पाठ, हिंदी रक्षक मंच (hindirakshak.com) सहित लगभग ५० पुस्तकों मे कहानी कविताओं व समीक्षाओं का प्रकाशन। आकाशवाणी व दूरदर्शन पर काव्य पाठ।
सम्मान – सरल अलंकरण (इन्दौर), महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान(शिलांग), मानद उपाधि राष्ट्रभाषा गौरव सम्मान (इलाहाबाद) नारी अस्मिता सम्मान, महादेवी वर्मा सम्मान मैं हूँ बेटी सम्मान (लखनऊ), मगसम प्रतिभा स्वर्ण सम्मान (दिल्ली) अन्तरा शब्द शक्ति सम्मान, महारानी लक्ष्मीबाई मैमोरियल सम्मान, काव्य रंगोली मातृत्व सम्मान, कल्पना चावला स्मृति सम्मान, विश्व शांति सम्मान आदि।


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