Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

लुप्त हुआ अब सदाचरण

संतोष नेमा “संतोष”
आलोक नगर जबलपुर

**********************

लुप्त हुआ अब सदाचरण है
बढ़ता हर क्षण कदाचरण है

आशाओं की लुटिया डूबी
स्वार्थ सिद्धि में नर हर क्षण है

निशदिन बढ़ते पाप करम अब
कलियुग का ये प्रथम चरण है

अपनों की पहचान कठिन है
चेहरों पर भी आवरण हैं

झूठ हुआ है हावी सब पर
सच का करता कौन वरण है

कब तक लाज बचायें बेटी
गली गली में चीर हरण है

देख देख कर दुनियादारी
“संतोष” दुखी अंतःकरण है

.

परिचय :-  संतोष नेमा “संतोष”
निवासी : आलोक नगर जबलपुर


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻  hindi rakshak manch 👈🏻 … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *