वीणा वैष्णव
कांकरोली
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बुजुर्ग से सलाह ले, तू निश्चय मंजिल पाएगा।
अनुभव उनके पास बहु,तू सफल हो जाएगा।।
छोटी सोच त्याग, निर्मल जीवन बन जाएगा।
कल किसने देखा, तू आज को जी पाएगा ।।
सुख घड़ी गुजर गई, दुख भी ठहर न पाएगा ।
सुख दुख तो आने जाने, पर तू निखर जाएगा।।
नेक सलाह लें, काम जो नित करता जाएगा।
कठिन परिश्रम कर, राह आसान बनाएगा ।।
जैसी सोच रखेगा, फल उसी अनुरूप पाएगा।
बोया पेड़ बबूल का, तोआम कहाँ से आएगा।।
अहम दीवार बीच आई, तो रिश्ता टूट जाएगा।
फासला इतना ना बढ़ा, फिर मिल ना पाएगा।।
मन भेद जो रखा, तो देख मनमुटाव बढ़ जाएगा।
समझौते का फिर कोई, द्वार नजर ना आएगा।।
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परिचय : कांकरोली निवासी वीणा वैष्णव वर्तमान में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय फरारा में अध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं। कवितायें लिखने में आपकी गहन रूचि है।
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